वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण (Air pollution) वातावरण में ऐसे पदार्थों की मौजूदगी के कारण होने वाला वायु का प्रदूषण है जो मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, या जलवायु को नुकसान पहुंचाते हैं. वायु प्रदूषक कई प्रकार के होते हैं, जैसे गैसें (अमोनिया, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और क्लोरोफ्लोरोकार्बन आदि), पार्टिकुलेट (कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों), और जैविक अणु (Types of Air pollutants). वायु प्रदूषण से इंसानों को बीमारियां, एलर्जी और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. यह अन्य जीवों जैसे कि जानवरों और खाद्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, और प्राकृतिक पर्यावरण (उदाहरण के लिए, जलवायु परिवर्तन, ओजोन डिप्लेशन) या निर्मित पर्यावरण (उदाहरण के लिए, अम्लीय वर्षा) को नुकसान पहुंचा सकता है (Air pollution Effects). मानव गतिविधि और प्राकृतिक प्रक्रियाएं दोनों ही वायु प्रदूषण उत्पन्न कर सकती हैं.
वायु प्रदूषण श्वसन संक्रमण, हृदय रोग, सीओपीडी, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर सहित कई प्रदूषण संबंधी बीमारियों की एक बड़ी वजह है. खराब वायु गुणवत्ता के कारण मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव भी पड़ते हैं. वायु प्रदूषकों का हर व्यक्ति पर असर व्यक्ति के संपर्क में आने वाले प्रदूषक के प्रकार, जोखिम की डिग्री और व्यक्ति की हेल्थ कंडिशन और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है (Air pollution Related Diseases). अकेले बाहरी वायु प्रदूषण के कारण सालाना 21 लाख से 42 लाख लोगों की मौत होती है. कुल मिलाकर, वायु प्रदूषण हर साल दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है (Deaths due to Air pollution). यह 2.9 साल की वैश्विक औसत जीवन प्रत्याशा (LLE) का नुकसान पहुंचाता है. वायु प्रदूषण संकट का दायरा बहुत बड़ा है: दुनिया की 90% आबादी कुछ हद तक गंदी हवा में सांस लेती है
वायु प्रदूषण के कारण उत्पादकता की कमी और जीवन की गुणवत्ता में खराबी आती है. वायू प्रदूषण से विश्व अर्थव्यवस्था को हर साल $5 ट्रिलियन का नुकसान होता है (Air pollution Economic Effects).
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण तकनीक और रणनीतियां उपलब्ध हैं. वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कानून लागू किए गए हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, इनमें से कुछ प्रयास सफल रहे हैं. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल से ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों की रिलीज को कम करने में सफल मिली है. 1985 के हेलसिंकी प्रोटोकॉल ने सल्फर उत्सर्जन को कम किया है (Air pollution Reduction and Regulations).
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में मास्क पहनकर प्रदर्शन किया है. सांसदों का कहना है कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक है और सांस लेना मुश्किल हो गया है. उन्होंने सरकार से इस गंभीर मुद्दे पर जवाब देने और ठोस कदम उठाने की मांग की है. विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार को सतर्क करना है.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस संकट से निपटने के लिए उचित कदम उठाए. छोटे बच्चे और बुजुर्ग बहुत प्रभावित हो रहे हैं और सांस लेने में उनकी समस्या बढ़ रही है.
वायु प्रदूषण पर क्या बोले डॉक्टर सरीन? सुनें
खराब एयर क्वालिटी पशुओं के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रही है. प्रदूषण के कारण मवेशियों को भी सांस लेने में तकलीफ, खांसी, आंखों में जलन, त्वचा की समस्याएं, खुरों में दरारें, प्रजनन क्षमता में कमी और दूध उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं देखी जा सकती हैं.
Air Quality Today 04 Dec 2025: आज आपके शहर की हवा की क्वॉलिटी (Air Quality) कैसी रहेगी? प्रदूषण (Pollution) का करना पड़ेगा सामना? जाने वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) अपडेट.
दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए सभी विभागों को सख्त निर्देश जारी किए. सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि प्रदूषण नियंत्रण उपायों में लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी. आज केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ हुई बैठक में तय किया गया कि इस बार अभियान "ऑपरेशन मोड" में चलाया जाएगा और फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में भी 100% डस्ट मिटिगेशन लागू होगा.
संसद के चालू शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन आज है. पहले दिन एसआईआर विषय पर काफी बहस हुई जहां पक्ष और विपक्ष के बीच मतभेद और हंगामा देखने को मिला. अब विपक्ष प्रदूषण के मुद्दे पर मुखर है. इसी कड़ी में विपक्षी सांसद आज मास्क पहन कर संसद पहुंचे.
दिल्ली में सर्दी बढ़ने के साथ एयर क्वालिटी फिर बिगड़ने लगी है. दिल्ली में दो दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स में मामूसी सुधार आया था लेकिन तापमान गिरने के चलते एक बार फिर हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है.
दिल्ली-एनसीआर में गहराते प्रदूषण और स्मॉग के बीच कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने एक लेख में अरावली पर्वतमाला से लेकर वायु और जल प्रदूषण तक पर गहरी चिंता जताते हुए मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अरावली को अवैध खनन से हो रहे नुकसान, 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर खनन को मिली छूट, और इसे माफियाओं के लिए खुला न्योता बताया है.
दिल्ली में हवा की स्थिति आज भी बेहद खराब बनी हुई है. राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में हवादार खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. दिवाली के बाद से राजधानी सांस लेने के लिए असुरक्षित जगह बन गई है. पिछले दिनों कुछ राहत मिली थी, लेकिन अब स्थिति फिर से बिगड़ गई है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मुद्दे पर सुनवाई हो रही है, जिसमें सरकार के कदमों और पटाखों की अनुमति से जुड़ी बातों पर चर्चा होगी.
तापमान में गिरावट और कोहरे की स्थिति के कारण दिल्ली का प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक, शहर के 14 वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) स्टेशन 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गए हैं, जबकि पड़ोसी शहर नोएडा भी 'गंभीर' श्रेणी की ओर बढ़ रहा है.
Air Quality Today 03 Dec 2025: आज आपके शहर की हवा की क्वॉलिटी (Air Quality) कैसी रहेगी? प्रदूषण (Pollution) का करना पड़ेगा सामना? जाने वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) अपडेट.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की वजह से नोएडा में रहने वाला एक परिवार अब शहर को छोड़कर जाना चाहता है. परिवार का कहना है कि बच्चे की हालत ने उन्हें NCR छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. क्योंकि प्रदूषण की वजह से उसे बीमारी हुई और फिर सर्जरी करानी पड़ी.
हैदराबाद में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर में पहुंच गया है. 28 नवंबर को पहली बार इस साल शहर के कई इलाकों में AQI का स्तर 200 के पार दर्ज किया गया. हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में AQI चार दिनों के अंदर दोगुना होकर 209 तक पहुंच गया. प्रदूषण के खतरनाक स्तर को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी और कहा कि इतने उच्च PM2.5 में लगातार रहना एक दिन में 8-10 सिगरेट पीने जितना हानिकारक हो सकता है.
Air Quality Today 02 Dec 2025: आज आपके शहर की हवा की क्वॉलिटी (Air Quality) कैसी रहेगी? प्रदूषण (Pollution) का करना पड़ेगा सामना? जाने वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) अपडेट.
दिल्ली की हवा में एक बार फिर गिरावट दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह 6 बजे तक अधिकांश इलाकों का AQI 300 के पार कर गया, जिससे समग्र वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई. आनंद विहार और बवाना जैसे इलाकों की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की जहरीली हवा का असली विलेन ट्रैफिक और स्थानीय कारक है, पराली का धुआं नहीं. इस बार दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं का योगदान 5% से भी कम रहा, फिर भी अक्टूबर और नवंबर में ज्यादातर दिन AQI लगातार ‘बेहद खराब' और 'गंभीर’ में बना रहा.
दिल्ली नगर निगम के श्मशान घाटों पर लकड़ी की जगह गोबर के उपले इस्तेमाल करने का प्रस्ताव इन दिनों बड़ा विवाद बन गया है. जैसे ही यह बात सामने आई, कई पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई कि इससे प्रदूषण के स्तर में इजाफा होगा.
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि प्रदूषण को लेकर खामोश नहीं रहा जा सकता. कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक्शन प्लान मांगा है और इस मामले में जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात कही है. बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई के लिए गैजेट्स भी गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.
लोकसभा में दिल्ली-एनसीआर की खराब वायु गुणवत्ता पर बहस हुई, जिसमें सांसदों ने केंद्र और दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रदूषण की गंभीरता स्वीकार करते हुए 2025 तक सुधार के आंकड़े साझा किए. उन्होंने बताया कि केंद्र ने CAQM और GRAP के तहत सख्त नियम लागू किए हैं, लेकिन विपक्ष ने फंड के उपयोग और कार्यान्वयन में कमी पर चिंता जताई.
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर गंभीर सुनवाई चल रही है. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस समस्या पर चुप नहीं रहा जा सकता और केंद्र सरकार से इस संबंध में प्रभावी एक्शन प्लान मांगा गया है. बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए आवश्यक गैजेट्स देने पर भी चर्चा हुई ताकि सभी वर्गों को समान सुविधा मिल सके.