दिल्ली पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर ब्लास्ट को अंजाम देने वाले डॉ. उमर नबी के अंतिम घंटों की पूरी टाइमलाइन तैयार की है, जिसमें उसका फरीदाबाद से दिल्ली तक का सफर है. पुलिस ने इस रिकंस्ट्रक्शन से उमर के इरादों और उसके साथ शामिल नेटवर्क का पता लगाने को कोशिश कर रही है.
50 से ज्यादा CCTV कैमरों के फुटेज को जोड़कर तैयार की इस टाइमलाइन में देखा गया कि कैसे उसने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के जरिए से हरियाणा से दिल्ली तक सफर किया. इस दौरान उसने सड़क किनारे एक भोजनालय में खाने के लिए रुका और अगली सुबह दिल्ली में एंट्री करने से पहले अपनी कार के अंदर रात बिताई.
उमर ने कार में बिताई रात
न्यूज एजेंसी ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि उमर के एक्टिविटियों से पता चलता है कि उसने पूरी सावधानी और विस्तृत योजना के साथ काम किया. पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि उमर ने रविवार रात फरीदाबाद से अपना सफर शुरू किया और वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से चढ़ा और फिर हरियाणा के नूंह जिले में स्थित फिरोजपुर झिरका पहुंचा, यहां वह एक रोडसाइड ढाबे पर रुका और उसने अपनी कार में रात बिताई.
पुलिस सूत्र ने कहा कि वह छिपा हुआ दिखाई दे रहा था, लेकिन घबराहट में नहीं था. वह बड़े कस्बों से बच रहा था. सोमवार सुबह उमर को फिर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में फिर से धीमी गति से दिल्ली की ओर गाड़ी चलाते हुए देखा गया. फुटेज में उसे दो बार रुकते हुए दिखाया गया है, एक बार चाय पीने के लिए और दूसरी बार अपना मोबाइल फोन देखने के लिए.
बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में एंट्री
पुलिस ने बताया कि बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में एंट्री करते हुए उमर ने वही रूट अपनाया जो फरीदाबाद से पहले लिया था. पुलिस सूत्र ने बताया, 'लगता है उसने पकड़े जाने से बचने के लिए अपने आने-जाने के रास्तों समेत हर कदम की योजना बना रखी थी, ताकि निगरानी से बचा जा सके.'
पुलिस सूत्र ने कहा, 'उमर सफेद हुंडई i20 कार चला रहा था, जो विस्फोटकों से लदी हुई थी. उसकी कार को सबसे पहले सुबह 7:30 बजे फरीदाबाद से एशियन अस्पताल के पास निकलते हुए देखा गया. इसके बाद उसने सुबह 8:13 बजे बदरपुर टोल प्लाजा पार किया और दिल्ली में एंट्री की. वहां से वह ओखला और औद्योगिक क्षेत्र समेत दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के कई हिस्सों से गुजरा, कनॉट प्लेस पार किया और फिर पूर्वी दिल्ली और बाद में मध्य दिल्ली के रिंग रोड के पास देखा गया.'
जिगजैग रूट से दिल्ली में घुसपैठ
रूट मैपिंग से पता चलता है कि उमर फरीदाबाद से दिल्ली में दाखिल हुआ और सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच शहर भर में कई चक्कर लगाए और अंत में दोपहर 3:19 बजे लाल किले के पास पार्क किया.
CCTV फुटेज का इस्तेमाल करके किए गए रिकंस्ट्रक्शन से पता चलता है कि उमर ने जानबूझकर प्रमुख सड़कों से बचकर चलना चुना. इसके बजाए उसने भीड़-भाड़ वाले इलाकों के माध्यम से एक जिग-जैग रास्ता अपनाया, ताकि वह निगरानी करने वालों को कंफ्यूज कर सके या भीड़ की गतिविधियों का अध्ययन कर सके.
सूत्रों ने बताया कि वह कई जिलों में कैमरों पर देखा गया था- दक्षिण पूर्वी दिल्ली से शुरुआत करके, फिर पूर्वी, नई दिल्ली, मध्य और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के अशोक विहार तक. दोपहर के आसपास वह अशोक विहार में एक ढाबे पर रुका.
सूत्र ने कहा, 'वह शांत दिखाई दिया, खाना ऑर्डर किया और अपनी यात्रा जारी रखने से पहले कुछ देर ढाबे पर रुका.' इस रुकने के बाद वह वापस सेंट्रल दिल्ली की ओर चला गया, जहां वह रामलीला मैदान के पास आसफ अली रोड के नजदीक एक मस्जिद गया.
मस्जिद में नमाज
फुटेज से पता चलता है कि उसने वहां नमाज अदा की और पार्किंग क्षेत्र में लगभग तीन घंटे तक रुका. पुलिस ने बताया कि इस दौरान उसकी फोन एक्टिविटी की भी करीब से जांच की जा रही है. जांचकर्ताओं को संदेह है कि साइट की ओर बढ़ने से पहले उसे निर्देश मिले होंगे.
रेड फोर्ट की पार्किंग में 3 घंटे तक खड़ी रही कार
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, 'दोपहर 3:19 बजे उमर की कार लाल किला परिसर से सटे पार्किंग क्षेत्र में दाखिल हुई, जहां वह करीब तीन घंटे तक खड़ी रही. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि कार सुनहरी मस्जिद पार्किंग के पास अन्य वाहनों के बीच खड़ी थी.'
शाम करीब 6:22 बजे कार पार्किंग एरिया से निकलकर लाल किला मेट्रो स्टेशन की तरफ जाती दिखाई दी. बमुश्किल 30 मिनट बाद शाम 6:52 बजे गाड़ी में एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे शीशे टूट गए, शरीर के अंग सड़क पर बिखर गए और इलाके में आने-जाने वालों में दहशत फैल गई.
ये पूरा हादसा ट्रैफिक निगरानी फुटेज में कैद हो गया, जिसमें देखा गया कि भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक के बीच एक धीमी गति से चलती सफेद कार अचानक आग के गोले में बदल गई. इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.
DNA टेस्ट ने की पहचान की पुष्टि
रेड फोर्ट ब्लास्ट साइट से एकत्रित नमूनों के DNA परीक्षण ने पुष्टि की है कि धमाके के वक्त डॉ. उमर नबी ही कार चला रहा था. उनकी मां के DNA नमूने लिए गए थे. एक सूत्र ने कहा, 'DNA परिणामों ने पुष्टि की है कि वह उमर ही था जो कार चला रहा था.'
रेडिकल टर्न
जांच में पता चला है कि उमर अपने सर्कल में शिक्षित प्रोफेशनल था, लेकिन पिछले दो सालों में कट्टर हो गया. जांचकर्ताओं के अनुसार, वह संदिग्ध मैसेजिंग ग्रुप में शामिल था. पुलिस ने सीसीटीवी, टोल डेटा, जीपीएस ट्रेस और मोबाइल टावर डंप की एक्टिविटी से घंटे-दर-घंटे टाइमलाइन तैयार की है.