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'कांग्रेस ने आजादी को खत्म किया था, संविधान को रौंद दिया था...,' इमरजेंसी की बरसी पर पीएम मोदी का ट्वीट

इमरजेंसी की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, जिन लोगों ने आपातकाल लगाया, उन्हें हमारे संविधान के प्रति अपना प्यार जताने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया है. प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए विधेयक लाया है. फेडरलिज्म को खत्म किया है और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया है.

आपातकाल की 49वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं. पीएम मोदी ने कहा, इमरजेंसी के वक्त कांग्रेस ने आजादी को खत्म कर दिया था और संविधान को रौंद दिया था.

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया. आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी आजादी को खत्म कर दिया था और भारत के संविधान को रौंद दिया था, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है.

पीएम मोदी ने आगे लिखा, सत्ता पर टिके रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिय था. जो भी व्यक्ति कांग्रेस से असहमत होता था उसे प्रताड़ित किया जाता था. सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से रिग्रेसिव पॉलिसी लागू की गईं.

पीएम मोदी का कहना था कि जिन लोगों ने आपातकाल लगाया, उन्हें हमारे संविधान के प्रति अपना प्यार जताने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया है. प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए विधेयक लाया है. फेडरलिज्म को खत्म किया है और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया है.

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पीएम मोदी ने कहा, जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वो आज भी उसी पार्टी में जीवित है जिसने इसे लगाया था. वे अपनी प्रतीकात्मकता के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं लेकिन भारत के लोगों ने उनकी हरकतों को देख लिया है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार खारिज कर दिया है.

कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए अधिकार छीन लिए थे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है. साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे. आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करता हूं.

आवाज को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी: नड्डा

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'एक्स' पर लिखा, 25 जून 1975... यह वो दिन है जब कांग्रेस पार्टी के आपातकाल लगाने के राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसले ने हमारे लोकतंत्र के स्तंभों को हिला दिया था और डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को कुचलने की कोशिश की थी. इस दौरान जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज हम अपने महान नायकों द्वारा किए गए बलिदानों को याद करते हैं जो इमरजेंसी के दौरान बहादुरी से लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में खड़े रहे. मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी उस परंपरा से जुड़ी है जिसने आपातकाल का डटकर विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया.

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लोकतंत्र के इतिहास में यह काला अध्याय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज के ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था. आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता. सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है.

राजनाथ का कहना था कि यदि आज इस देश में लोकतंत्र जीवित है तो उसका श्रेय उन लोगों  को जाता है जिन्होंने लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष किया, जेल गये और न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक यातना से उन्हें गुजरना पड़ा. भारत की आने वाली पीढ़ियां उनके संघर्ष और लोकतंत्र की रक्षा में उनके योगदान को याद रखेंगीं.

इससे पहले सोमवार को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा था और आपातकाल लगाए जाने का भी जिक्र किया था. 

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