
BJP 42nd Foundation Day: भारतीय जनता पार्टी ने अपना 42 साल का सियासी सफर तय कर लिया है. 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की बुनियाद पड़ी थी. 1984 में बीजेपी ने अपना लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में बीजेपी मात्र दो सीटें ही जीत सकी थी. अटल बिहारी वाजपेयी भी इस चुनाव में हार गए थे. लेकिन आज बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है. 12 राज्यों में उसकी अपनी सरकार है और 6 में बीजेपी सरकार में सहयोगी है. केंद्र में 303 सीटों के साथ बीजेपी सत्ता में है. लेकिन ये 42 साल का सफर बीजेपी के लिए उतना आसान नहीं था. ये वही बीजेपी है, जिसके नेता अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मात्र 1 वोट से गिर गई थी.
इन चार दशकों में बीजेपी ने 2 सीटों से लेकर 303 सीटों का सफर तय किया है. अपने पहले चुनाव में बीजेपी को 1.82 करोड़ वोट मिले थे, जबकि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी 22.90 करोड़ से ज्यादा वोट हासिल किए.

4 दशकों में कैसे यहां तक पहुंची बीजेपी?
पहला दशकः 1980 से 1990
- 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आम चुनाव कराए गए. बीजेपी का ये पहला लोकसभा चुनाव था. इस चुनाव में कांग्रेस को 426 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी ने 224 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ दो सीट ही जीत सकी. पहली सीट गुजरात की मेहसाणा थी, जहां से एके पटेल सांसद बने. दूसरी आंध्र प्रदेश की हनमकोंडा थी, जहां से सी. जंगा रेड्डी सांसद बने. अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव हार गए थे. लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव नहीं लड़ा था.
- बीजेपी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी थी. 1986 में लालकृष्ण आडवाणी अध्यक्ष बने. 1989 में बीजेपी ने दूसरा आम चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बीजेपी 225 सीटों पर लड़ी और 85 सीट जीत गई. बीजेपी ने वीपी सिंह की सरकार को बाहर से समर्थन दिया. इसी दौरान 1990 में आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली. आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया. बदले में बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और वीपी सिंह की सरकार गिर गई.
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दूसरा दशकः 1991 से 2000
- ये वो दशक था जब बीजेपी पहली बार केंद्र की सत्ता में आई. 1991 के आम चुनाव में बीजेपी ने पहली बार 100 का आंकड़ा पार किया. इस चुनाव में बीजेपी ने 120 सीटों पर जीत दर्ज की. ये वो समय था जब राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई थी. आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही थी. दूसरी ओर बाबरी विध्वंस और उसके बाद दंगों के कारण सांप्रदायिक माहौल भी खराब था.
- इन सबका बीजेपी को फायदा भी मिला. 1996 के चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन लोकसभा में बहुमत साबित न कर पाने के कारण मात्र 13 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई.
- 1996 से 1998 तक राजनीतिक अस्थिरता हावी रही. 1998 में फिर चुनाव कराए गए. इस बार बीजेपी ने 182 सीटें जीतीं और गठबंधन कर सरकार बनाई. लेकिन ये सरकार भी ज्यादा नहीं चली और 13 महीनों बाद गिर गई. अटल बिहारी वाजपेयी की ये सरकार मात्र 1 वोट से गिरी थी. इसके बाद 1999 में फिर चुनाव हुए. इस बार बीजेपी ने 138 सीटें जीतीं और 20 से ज्यादा पार्टियों का गठबंधन कर NDA बनाया. ये पहली बार था जब अटल सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया.
तीसरा दशकः 2001 से 2010
- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार अक्टूबर 2004 में खत्म होना था, लेकिन उन्होंने समय से पहले चुनाव करवा दिए. इसका बीजेपी को नुकसान हुआ. बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA की सरकार सत्ता में आई.
- बीजेपी 2004 का लोकसभा चुनाव भले ही हार गई थी, लेकिन उसकी स्थिति राज्यों में मजबूत हो रही थी. बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत कई राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब रही. 2008 में बीजेपी पहली बार कर्नाटक की सत्ता में आई. हालांकि, 2009 में बीजेपी फिर चुनाव हार गई और उसे 116 सीट मिली.
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चौथा दशकः 2011 से 2022
- कांग्रेस सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे. 2011 में अन्ना आंदोलन चला. 2012 में निर्भया कांड ने कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना दिया. सितंबर 2013 में बीजेपी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया. 'अच्छे दिन' का नारा, 'हिंदुत्व' और 'विकास' के सहारे बीजेपी पहली बार अपने दम पर केंद्र की सत्ता में आई. इस चुनाव में बीजेपी ने 282 सीटें जीतीं. ये पहली बार था जब कोई गैर-कांग्रेसी पार्टी ने बहुमत हासिल किया था.
- 2014 में मिली बड़ी जीत ने बीजेपी में दम भर दिया. बीजेपी एक के बाद एक कई राज्यों में सरकारें बनाते चली गई. दिसंबर 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'इंदिरा गांधी जब सत्ता में थीं तो कांग्रेस की सरकार 18 राज्यों में थी, लेकिन जब हम सत्ता में हैं तो हमारी सरकार 19 राज्यों में है.' मार्च 2018 तक बीजेपी 21 राज्यों तक पहुंच चुकी थी. यही बीजेपी का पीक था.
- 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की. इस चुनाव में बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं. ये पहली बार था जब किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी को दूसरी बार बहुमत मिला था. 2022 में उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में चुनाव हुए थे. इनमें से यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी वापसी करने में कामयाब रही.