BJP Foundation Day: भारतीय जनता पार्टी का परचम आज देशभर में लहरा रहा है, लेकिन 1990 के दशक में बीजेपी एक छोटे दल के रूप में ही थी. बीजेपी गैर-कांग्रेसी विचारधारा वाली पार्टियों को सरकार बनाने में मदद किया करती थी, लेकिन वक्त के साथ मजबूती होती गई. बीजेपी अपने 42 साल के सियासी सफर में केंद्र से लेकर 18 राज्यों की सत्ता पर काबिज है. इन 18 राज्यों में से 12 में बीजेपी के अपने मुख्यमंत्री हैं तो 6 राज्य में सत्ता में भागीदार है. हालांकि, बीजेपी ने जिस राज्य में सबसे पहले अपना मुख्यमंत्री बनाने में सफल रही थी, आज उसी राज्य की सत्ता से वो बाहर है. ऐसे में कहानी उन राज्यों की जहां पर बीजेपी सबसे पहले कमल खिलाने में कामयाब रही थी.
भैरों सिंह शेखावत बीजेपी के पहले सीएम
छह अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में 10 सदस्यों के साथ शुरू हुई बीजेपी देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा भी करती है. बीजेपी शून्य से देश की सत्ता के शिखर तक सफर तय किया है. बीजेपी ने केंद्र की सत्ता पर काबिज होने में भले ही 18 साल लगा दिए हों, लेकिन राज्य में अपनी सरकार बनाना दस साल के बाद ही शुरू कर दिया था. बीजेपी गठन के दस साल के बाद बीजेपी अपना पहला मुख्यमंत्री बनाने में सफल रही. भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सबसे पहले मुख्यमंत्री बनने वाले नेता हैं, जिन्हें जनता दल ने समर्थन किया था.
तीन राज्यों में एक साथ बीजेपी सत्ता में आई
मार्च 1990 में बीजेपी एक साथ देश के 3 राज्यों की सत्ता पर काबिज हुई थी, जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश शामिल थे. तीनों ही राज्यों में एक साथ 1990 में विधानसभा चुनाव हुए थे और बीजेपी तीनों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही थी. हालांकि, इनमें सबसे पहले भैरोंसिंह शेखावत ने 4 मार्च 1990 को राजस्थान के सीएम के तौर पर शपथ ली थी जबकि पांच मार्च को सुंदर लाल पटवा ने मध्य प्रदेश और उसी दिन शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इससे पहले बीजेपी किसी भी राज्य में अपना मुख्यमंत्री नहीं बना सकी थी. हालांकि, जनता पार्टी के तौर पर कई सीएम रहे हैं.
बता दें कि बीजेपी को सियासी संजीवनी हिमाचल के पालमपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में1988 में अयोध्या मुद्दे को पार्टी के एजेंडे में शामिल करने के बाद मिली थी. बीजेपी को राजनीतिक जमीन यहीं से मिली 1989 में 2 सीट से 85 पर पहुंच गई. वीपी सिंह की अगुवाई वाली जनता दल को बीजेपी ने समर्थन देकर केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार बनवाया, लेकिन राममंदिर मुद्दे को हवा देना नहीं छोड़ा.
जनता दल के समर्थन से शेखावत सीएम बने
राममंदिर मुद्दे से बीजेपी में नई ऊर्जा का संचार किया और पार्टी का सियासी ग्राफ तेजी से बढ़ा. राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में एक साथ विधानसभा चुनाव में बीजेपी तीनों ही राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 85, कांग्रेस 50 और जनता दल 55 सीटें जीतने में कामयाब रही. ऐसे में बीजेपी ने जनता दल के सहयोग के सरकार बनाया और भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने.
हालांकि, कुछ दिनों के बाद जब रथयात्रा के दौरान आडवाणी को पटना में लालू सरकार के दौरान गिरफ्तार किया गया तो बीजेपी ने केंद्र की वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस लिया. ऐसे में जनता दल ने राजस्थान में भैरोंसिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. शेखावत सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद राजस्थान में जनता दल दो धड़ों में बंट गई. एक गुट ने भैरोसिंह सरकार को समर्थन कर दिया था जिस वजह से सरकार बच गई थी. लेकिन, 6 दिंसबर 1992 को कारसेवकों के द्वारा बाबरी मस्जिद ढहा दी गई तो 15 दिंसबर को शेखावत सरकार के बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. इसके बाद 1993 में दोबारा चुनाव हुए तो बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही. वहीं, मौजूदा समय में राजस्थान की सत्ता से बीजेपी बाहर है तो कांग्रेस की सरकार है.
बीजेपी की चार राज्यों की सरकार बर्खास्त
वहीं, साल मार्च 1990 में मध्य प्रदेश की कुल 320 सीटों में से बीजेपी 220 सीटों पर जीत दर्ज कर पूर्णबहुमत के साथ अपनी सरकार बनाने में सफल रही. सत्त की कमान सुंदर लाल पटवा को हाथों में सौंपी गई थी और 5 मार्च 1990 को सीएम पद की उन्होंने शपथ ली थी. ऐसे ही हिमाचल प्रदेश में बीजेपी 1990 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाया था और मुख्यमंत्री शांता कुमार बने थे. बाबरी विध्वंस के बाद शेखावत सरकार की तरह ही मध्य प्रदेश की सुंदरलाल पटवा सरकार और हिमाचल में शांता कुमार की सरकार को भी बर्खास्त कर दिया गया था. राजस्थान में बीजेपी भले ही सत्ता से बाहर है, लेकिन मध्य प्रदेश में हिमाचल प्रदेश में काबिज है. इन तीन राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार को भी बर्खास्त कर दिया गया था.
देश की 12 राज्यों में बीजेपी के सीएम
मोदी युग में बीजेपी सत्ता के शीर्ष पर काबिज है. मौजूदा समय में देश के 12 राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री है. इनमें गुजरात में भूपेंद्र भाई पटेल, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, कर्नाटक में बसवराज बोम्मई, असम में हेमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल में पेमा खांडू, त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब, हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, गोवा में प्रमोद सावंत और मणिपुर एन. बीरेन सिंह सीएम हैं.
इन राज्यों की सत्ता में बीजेपी भागीदार
बीजेपी देश के 12 राज्यों में जहां अपने दम पर सरकार में है तो छह राज्यों में सत्ता में भागीदार है. बिहार नीतीश कुमार की सरकार के समर्थन कर रही है, जिसमें बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्री हैं. नागालैंड में नेफियू रियो की अगुवाई वाली एनडीपीपी सरकार को समर्थन कर रही तो मेघालय में कॉनराड संगमा सरकार को समर्थन दे रखा है. पुदुचेरी (केंद्रशासित प्रदेश)एन. रंगास्वामी की सरकार के समर्थन कर रही है. इसके अलावा सिक्किम और मिजोरम की सरकार को समर्थन कर रही है.
मोदी-शाह युग में बीजेपी का बढ़ता ग्राफ
बता दें कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के साथ ही बीजेपी की तीन धरोहर अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर के युग की समाप्ति हो गई. अब भाजपा में मोदी युग चल रहा है. पार्टी का नेता ही नहीं संगठन, चुनाव लड़ने का तरीका, सरकार चलाने का तौर तरीका, फैसले लेने और उन्हें शिद्दत से लागू करने की तत्परता, पार्टी की नई पहचान बन गई. बीजेपी अकेले या सहयोगियों के साथ सत्ता की उस ऊंचाई पर है, जहां पहुंचने का उसके संस्थापकों ने कल्पना भी नहीं की होगी. बीजेपी दूसरी बार पूर्णबहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में है तो 12 राज्यों में अपने दम पर और 6 राज्यों में सहयोगी के तौर पर शामिल है.
जनसंघ ने जो सपने देखे तो उसे मोदी ने अमलीजामा पहनाने का काम किया है. कश्मीर से 370 हटाने से लेकर तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने तक फैसला मोदी सरकार में हुआ है. मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री है तो अमित शाह गृहमंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उसी तरह जैसे अटल बिहारी वाजपेयी पीएम थो तो लालकृष्ण आडवाणी गृहमंत्री थे, लेकिन तब और अब में एक बड़ा फर्क है. उस समय सहयोगी दलों का दबाव था, लेकिन मोदी युग में ऐसा नहीं है. मोदी का दबदबा सिर्फ पार्टी पर नहीं बल्कि सरकार में है.