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WFI विवाद के बीच पहलवानों का बड़ा फैसला, विनेश-बजरंग समेत 8 खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से वापस लिया नाम

भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच शुरू हुआ संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. विनेश फोगाट, ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि कुमार दहिया, कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत 8 पहलवानों ने ज़ाग्रेब ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है. खिलाड़ियों ने इसके पीछे ये तर्क दिया है कि वह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के विरोध के बाद इस टूर्नामेंट के लिए 100 प्रतिशत तैयार नहीं थे.

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पहलवान विनेश और बजरंग समेत 8 खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है (फाइल फोटो- PTI)
पहलवान विनेश और बजरंग समेत 8 खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है (फाइल फोटो- PTI)

भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. क्योंकि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत 8 पहलवानों ने 1 से 5 फरवरी के बीच होने वाले जाग्रेब ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है. ये फैसला लेते हुए रेसलर्स ने कहा कि वह इस प्रतियोगिता के लिए खुद को तैयार महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि अंजू चोट के कारण टूर्नामेंट से हट गई हैं.

मैरी कॉम की अध्यक्षता वाली नवनियुक्त निगरानी समिति ने हाल ही में क्रोएशिया की राजधानी में 1 फरवरी से शुरू होने वाली UWW रैंकिंग सीरीज इवेंट के लिए 36 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की थी.

एजेंसी के मुताबिक पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने तीन दिन के विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि वे तब तक किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे, जब तक कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को भंग नहीं किया जाता. इसके साथ ही उन्होंने WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी.

इन खिलाड़ियों ने वापस लिया नाम

टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया (57 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता दीपक पूनिया (86 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता फोगाट (62 किग्रा), सरिता मोर (59 किग्रा) और जितेंद्र किन्हा (79 किग्रा) ने विनेश फोगाट (53 किग्रा) और बजरंग पूनिया (65 किग्रा) के साथ अपना नाम इस प्रतियोगिता से वापस ले लिया है. इन रेसलर्स का कहना है कि वह जाग्रेब ओपन में शामिल नहीं हो सकते हैं. SAI के सूत्र के मुताबिक जाग्रेब ओपन ग्रांप्री से नाम वापस लेते हुए पहलवानों ने इसका कारण भी बताया है. उन्होंने कहा कि वे प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 100 फीसदी तैयार नहीं हैं. 

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एक दिन पहले ही सरकार ने दी थी मंजूरी

पहलवानों के इस फैसले से ठीक एक दिन पहले यानी 26 जनवरी को सरकार ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत 55 सदस्यीय भारतीय कुश्ती दल को जाग्रेब ओपन ग्रांप्री में हिस्सा लेने की मंजूरी दी . खेल मंत्रालय के मुताबिक इस टीम में ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि कुमार दहिया, अंशु मलिक और दीपक पूनिया भी शामिल थे. मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि इस दौरे का पूरा खर्चा सरकार वहन करेगी. इस इवेंट में भारत की ओर से 55 सदस्यीय दल जाग्रेब जाएगा.

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सरकार ने गठित की 5 सदस्यीय निगरानी समिति

देश के नामचीन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए थे. विनेश फोगाट ने तो बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते है. हालांकि पहलवानों ने अपना विरोध प्रदर्शन तब खत्म किया था जब सरकार ने WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को हटने के लिए कहा. साथ ही सरकार ने जांच पूरी होने तक WFI के मामलों के प्रबंधन के लिए पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन कर दिया था, लेकिन पहलवानों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पैनल के गठन से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई.

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एक महीने में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी समिति

खेल मंत्रालय की ओर से गठित समिति पहलवान और WFI विवाद को लेकर एक महीने में अपनी जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी. दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम इस समिति की अध्यक्ष हैं. वहीं, पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की पूर्व कार्यकारी निदेशक (खेल) राधिका श्रीमन इस समिति में शामिल हैं. 

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क्या बोले बृजभूषण शरण सिंह?

एजेंसी के मुताबिक WFI अध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने कहा कि बृज भूषण जांच शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. बृजभूषण के एक करीबी सूत्र ने बताया कि वह वास्तव में खुश हैं कि इस मामले में जांच की जा रही है. उनका मानना ​​है कि ऐसा होने से पहलवानों की गलतफहमी भी दूर जाएगी. साथ ही सच भी सामने आ जाएगा. 

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