scorecardresearch
 

बेंगलुरु: तिलक और भगवा शॉल में पहुंचे स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में नहीं मिली एंट्री, हिंदू संगठन ने किया विरोध

एसपी ग्रामीण मल्लिकार्जुन बालदंडी ने बताया कि प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र भगवा शॉल पहनकर परिसर में आए थे, क्योंकि आज रामनवमी थी. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें अनुमति नहीं दी. बातचीत के बाद छात्रों ने शॉल अपने बैग में शॉल रख ली थी. आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.

Advertisement
X
कर्नाटक पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कर्नाटक पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बेंगलुरु की एक यूनिवर्सिटी के बाहर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन करने का मामला सामने आया है. दरअसल, रामनवमी के मौके पर छात्रों का एक ग्रुप माथे पर तिलक लगाकर और केसरिया शॉल ओढ़कर यूनिवर्सिटी आए थे. लेकिन यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया और एंट्री देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने शॉल बैग में रखा और उन्हें एंट्री दी गई. 

उधर, मामला हिंदू संगठन तक पहुंचा तो कुछ कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के बाहर पहुंच कर और विरोध-प्रदर्शन करने लगे. जिसकी सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत कराया. यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से पुलिस में कोई केस दर्ज नहीं कराया गया है.

जानकारी देते हुए एसपी ग्रामीण मल्लिकार्जुन बालदंडी ने बताया कि प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र भगवा शॉल पहनकर परिसर में आए थे, क्योंकि आज रामनवमी थी. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें अनुमति नहीं दी. बातचीत के बाद छात्रों ने शॉल अपने बैग में शॉल रख ली थी.

उन्होंने बताया कि इसके बाद कुछ स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता कॉलेज गेट के पास आकर विरोध करने लगे कि छात्रों को भगवा शॉल के साथ अनुमति क्यों नहीं दी गई. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी मौके से चले गए. कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. किसी तरह की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है.

Advertisement

जब राज्य में हिजाब को लेकर शुरू हुआ था विवाद

बता दें कि पिछले साल ही कर्नाटक के उडुपी में स्कूल में हिजाब पहनने का मामला सामने आया था. जहां हिजाब पहनकर आई छात्रा को स्कूल प्रशासन ने रोक दिया था. जिसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा था. इसके विरोध में हिंदू छात्र भगवा गमच्छा पहनकर स्कूल-कॉलेज आने लगे थे. मामला इतना बढ़ा कि कई इलाकों में झड़पें भी हुईं. देखते देखते मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया. जिसके बाद 5 फरवरी 2022 को राज्य सरकार ने ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया था.

Advertisement
Advertisement