पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले में प्रवर्तन निदेशालय के सदस्यों पर हमले को "भयानक" बताया. राज्यपाल ने घटना के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव बीपी गोपालिका को भी तलब किया. उधर, ईडी अफसरों पर हुए हमलों में दो अफसरों के सिर फूट गए हैं. उनके वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए है. अब ईडी TMC नेता की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट जाएगी.
शुक्रवार को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के समर्थकों द्वारा कुछ ईडी अधिकारियों पर हमला किया गया और उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. उन्होंने राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में उत्तर 24 परगना जिले में उनके आवास पर छापा मारने की कोशिश की.
संदेशखाली में हुआ भीड़ का हमला
बता दें कि, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में भीड़ ने ईडी की टीम पर हमला किया. इस हमले में प्रवर्तन निदेशालय के कई सदस्य घायल हो गए. यह घटना उत्तर 24 परगना जिले से सामने आई है, जहां अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के साथ, एक कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में स्थानों पर छापेमारी करने गए थे. टीम पर उस समय हमला किया गया जब वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख के आवास के पास पहुंची.
सामने आया है कि, 200 से अधिक स्थानीय लोगों ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को घेर लिया था और उन पर हमला बोल दिया. घायल अफसरों को अस्पताल ले जाया गया है.
अदालत जाएगी ED
सूत्रों के मुताबिक, ईडी टीएमसी नेता एसके शाहजहां के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए अदालत का रुख करने जा रही है. ईडी सूत्र का दावा है, टीएमसी नेता इतने प्रभावशाली हैं कि उनकी टीम और अधिकारियों पर उनके समर्थकों ने हमला किया है. ये हमला उस दौरान हुआ जब वे छापेमारी करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे. भीड़ के हमले के बाद टीम को बिना छापेमारी किये ही मौके से भागना पड़ा.
दो अफसरों को आईं गंभीर चोट
ईडी के कुछ अधिकारियों को मामूली चोट आई और दो को गंभीर चोट के कारण सिर पर टांके लगे हैं. इस स्थिति के बाद, केंद्रीय जांच एजेंसी टीएमसी नेता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग के लिए अदालत का रुख करने जा रही है ताकि वे उन्हें हिरासत में ले सकें और जांच कर सकें. ईडी सूत्र का कहना है कि अब ऐसे में उन्हें हिरासत से बाहर रखकर मामले की जांच करना काफी मुश्किल हो रहा है. हमें छापेमारी और जांच करने के लिए उसे जल्द से जल्द हिरासत में लेने की जरूरत है.'
सबूत नष्ट होने का है खतरा
ईडी सूत्र का यह भी दावा है, वे आज अपने साथ हुई इन सभी घटनाओं का जिक्र कोर्ट के सामने करेंगे. केंद्रीय जांच एजेंसी ने हमले के दौरान स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता का जिक्र किया। सूत्र का दावा है, वे सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को नष्ट करने और अपने अधिकारियों के साथ मारपीट करने के आरोप में अदालत में शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं. सूत्र का यह भी दावा है, संबंधित क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अदालत में आवेदन किया जा सकता है ताकि कोई भी सबूत नष्ट न कर सके.