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'सस्ती लोकप्रियता के लिए...', असम विधानसभा में नमाज ब्रेक पर लगी रोक तो विपक्ष ने सीएम सरमा को घेरा

असम विधानसभा में मुस्लिम नेताओं को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक दिया जाता था, जिसपर रोक लगा दी गई है. सीएम हिमंता सरमा का कहना है था कि यह नियम ब्रिटिश काल से चला आ रहा था. अब इस पर रोक लगा दी गई है, लेकिन विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं.

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असम विधानसभा में जुमा ब्रेक पर लगी रोक (Representative photo)
असम विधानसभा में जुमा ब्रेक पर लगी रोक (Representative photo)

असम की बीजेपी सरकार ने मुस्लिम नेताओं को दो घंटे जुमे की नमाज के लिए ब्रेक के प्रावधान को खत्म कर दिया है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने इसकी जानकारी अपने एक्स हैंडल पर दी. असम सरकार के इस फैसले की चौतरफा आलोचना हो रही है. कांग्रेस नेता दानिश अली का कहना है कि यूपी सीएम योगी और असम सीएम हिमंता में कंपटीशन चल रहा है कि कौन ज्यादा मुस्लिम विरोधी है. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि सरमा ऐसा सस्ती लोकप्रियता के लिए करते हैं.

दानिश अली ने कहा, "हमारी संस्कृति तो मिली जुली है. योगी और हिमंता में कंपटीशन चल रहा है कि कौन सबसे ज्यादा मुस्लिम विरोधी है. इसमें असम और यूपी का मुसलमान पिस रहा है." जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हम असम सरकार से कहेंगे ये मत करिए. इस देश में एकता में अनेकता है. हमारे देश में हर धर्म की हिफाजत करनी है. सभी धर्मों के प्रति रवेय्या अच्छा रखना चाहिए."

यह भी पढ़ें: असम विधानसभा में जुमे के नमाज ब्रेक पर रोक, देखें CM हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?

'सस्ती लोकप्रियता के लिए करते हैं'

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हिमंता सरकार में बेरोजगारी बढ़ गई है, लेकिन वो सब उनको नहीं दिखेगा. आखिर कब तक हिन्दू मुसलमान की राजनीति करते रहेंगे? बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी असम सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा करते हैं. यह बीजेपी के लोग मुसलमान भाइयों को एक सॉफ्ट टारगेट बना लिया है."

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दूसरे धर्म के लोग पूजा के लिए मांग रहे थे समय

असम विधानसभा के स्पीकर बिस्वजीत दैमारी ने कहा कि ये ब्रिटिश काल से चली आ रही प्रथा थी. हफ्ते में हर शुक्रवार को नमाज के नाम पर 11.30 बजे सदन बंद होता थ. उस दौरान समय की कमी होती है. महत्वपूर्ण चर्चाएं छूट जाती हैं."

उन्होंने कहा, "बाकि धर्म के लोगों ने भी बोलना शुरू कर दिया था कि उन्हें भी पूजा के लिए ब्रेक दिया जाना चाहिए. सिर्फ एक धर्म को क्यों देना. इसलिए इस मुद्दे को सुलझा दिया. देश में कोई और विधानसभा प्रार्थना के नाम पर बंद नहीं रहता है. विधानसभा का समय अच्छे तरीके से इस्तेमाल होगा.

यह भी पढ़ें: पहले संसद में भी मिलता था नमाज के लिए 'जुम्मा ब्रेक', फिर ऐसे हुआ था खत्म!

असम सीएम हिमंता सरमा ने कहा कि विधानसभा के हिंदू-मुस्लिम सभी विधायकों ने रूल कमेटी में बैठक की और नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक पर रोक लगाने की मांग की थी. उनके मुताबिक, विधायकों ने सहमति से फैसला किया और कल से इस प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गई. उन्होंने यह पूछे जाने पर कि क्या एक वर्ग को खत्म करने के लिए यह फैसला लिया गया है, सरमा ने कहा कि बैठक में सभी विधायक थे.

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