scorecardresearch
 

एक इंच हिलने की इजाजत नहीं, घिसटकर जाते थे वॉशरूम, नरक से भी बदतर थी अमेरिका से अमृतसर वापसी

हरविंदर सिंह का अमेरिका का सफर आधा करोड़ से कुछ ही कम खर्च करने के बाद शुरू हुआ. एजेंट ने उनसे 42 लाख लिए. भारत से अमेरिका जाने के लिए हरविंदर सिंह पहले कतर गए, फिर ब्राजील, फिर पेरु, फिर कोलंबिया, फिर पनामा, फिर निकारागुआ और तब मेक्सिको. इस जर्नी में कई बार मौत उनको छू-छूकर निकल गई.

Advertisement
X
अमृतसर लौटे प्रवासियों से बात करते पंजाब के मंत्री (फोटो डिजाइन-आजतक)
अमृतसर लौटे प्रवासियों से बात करते पंजाब के मंत्री (फोटो डिजाइन-आजतक)

एक के बाद एक ऊंची-नीची घाटियां, पहाड़, नदियां, जंगल और अथाह समंदर. अमेरिका से अमृतसर लौटने वाले हरविंदर सिंह जब उस रूट का जिक्र करते हैं जिससे होकर वे भारत से यूएस पहुंचे तो आदमी गश खाने लगता है. ये भी कोई रास्ता है चकमक-दकमक अमेरिका जाने का. 

लेकिन पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हरविंदर सिंह की यही नियति थी. उनका नाव डूबते-डूबते बचा. उन्होंने पनामा के बियाबान में मर चुके अवैध प्रवासी को देखा, जो उनकी तरह की अमेरिकन ड्रीम का पीछा कर रहा था. ऐसे मौके आए जब प्रवासी समुद्र में डूब रहे थे. लेकिन सब चुप्पी साधे थे. 

होशियारपुर के तहली गांव के रहने वाले हरविंदर सिंह पिछले साल भारत से अमेरिका के लिए रवाना हुए थे. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जून 2024 में हरविंदर और उनकी पत्नी कुलजिंदर कौर ने एक फैसला लिया. 13 साल से शादीशुदा इस जोड़े के दो बच्चे हैं - 12 साल का बेटा और 11 साल की बेटी. 

पंजाब में इस परिवार की जिंदगी हिचकोले खाते हुए चल रही थी. परिवार दूध बेचकर अपना गुजारा कर रहा था. ये परिवार अपने पड़ोसियों से अमेरिकी सपने और 'कनैडा' ड्रीम की कहानियां सुनता और इस सपने को जीने के लिए ललचाता. फिर एक दिन आखिर मौका आ ही गया.

Advertisement

संयोग कहें दुर्योग अचानक एक मौके ने इस परिवार के दरवाजे पर दस्तक दिया. एक दूर के रिश्तेदार ने 42 लाख रुपये के बदले में हरविंदर को कानूनी तरीके से 15 दिनों के लिए अमेरिका ले जाने की पेशकश की. ये डंकी रूट नहीं बल्कि वैध रास्ता था. हरविंदर हरकीमत पर इस मौके भुनाना चाहता था. उसने पत्नी को 'अच्छी जिंदगी' का भरोसा दिया और अपना मात्र एक एकड़ जमीन गिरवी रख दी और ऊंचे ब्याज पर कर्ज लिया. 

यह भी पढ़ें: 'बेवतनों' की वतन वापसी... हाथों में हथकड़ी, पैरों में जंजीर बांधकर लाए गए भारतीय, जसपाल ने बताया एक-एक सच!

एजेंट को आधा करोड़ से कुछ ही कम 42 लाख की तगड़ी रकम देने के बाद हरविंदर सिंह की अमेरिकी यात्रा शुरू हुई. 

आप यकीन करेंगे. भारत से अमेरिका जाने के लिए हरविंदर सिंह पहले 1.कतर गए, फिर 2.ब्राजील, फिर 3.पेरु, फिर 4.कोलंबिया, फिर 5.पनामा, फिर 6.निकारागुआ और तब 7.मेक्सिको. 

इसके बाद वे मेक्सिको से बॉर्डर पार कर अमेरिका पहुंचे. 

हरविंदर सिंह बताते हैं, "हमने पहाड़ियां पार कीं. एक नाव, जो हमें अन्य व्यक्तियों के साथ ले जा रही थी, समुद्र में डूबने वाली थी, लेकिन हम बच गए."

हरविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पनामा के जंगलों में एक मरे हुए व्यक्ति को देखा, एक व्यक्ति को समंदर में डूबा हुआ देखा. 

Advertisement

हरविंदर अपने एजेंट की दगाबाजी की कहानी बताते हुए कहते हैं कि उनके ट्रैवल एजेंट ने उनसे वादा किया था कि उन्हें पहले यूरोप और फिर मैक्सिको ले जाया जाएगा. इस यात्रा के लिए 42 लाख रुपये हुए. 

रास्ते की तकलीफों को हरविंदर यूं सुनाते हैं," कभी-कभार हमें खाने को चावल मिल जाता, तो कभी कुछ भी नहीं. कभी बिस्किट पर ही गुजारा करना पड़ता. 

शौचालय का दरवाजा खोलकर अंदर धकेल देता था

अमेरिका से वापसी की अफसोसनाक कहानी बताते हुए हरविंदर सिंह कहते हैं कि 40 घंटों तक हमें हथकड़ी लगाई गई, हमारे पैरों को जंजीरों से बांधा गया और हमें अपनी सीट से एक इंच भी हिलने नहीं दिया गया. बार-बार अनुरोध करने के बाद, हमें खुद को घिसटकर वॉशरूम तक जाने दिया गया. विमान में मौजूद स्टाफ शौचालय का दरवाजा खोलकर हमें अंदर धकेल देता था. 

इस वापसी को "नरक से भी बदतर" अनुभव बताते हुए हरविंदर ने कहा कि वे 40 घंटों तक ठीक से खाना भी नहीं खा पाए. "वे हमें हथकड़ी लगाकर ही खाने के लिए मजबूर करते थे. हमने सुरक्षाकर्मियों से कुछ मिनटों के लिए हथकड़ी हटाने का अनुरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ये यात्रा न केवल शारीरिक रूप से दर्दनाक थी, बल्कि मानसिक रूप से भी थका देने वाली थी. हालांकि हरविंदर ने कहा कि क्रू के एक 'दयालु' सदस्य ने उन्हें फल खाने दिए. 

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार हरविंदर की पत्नी कुलजिंदर कहती हैं कि उनके पति इस मुश्किल के लिए कतई तैयार नहीं थे. लेकिन उन्हें 8 महीने तक एक मोहरे की तरह एक से दूसरे देश तक घुमाया गया. ले कभी अमेरिका नहीं पहुंच पाए. हरजिंदर लगातार वीडियो बनाकर अपनी पत्नी को भेजा करते थे. कुलजिंदर बताती हैं कि उन्होंने आखिरी बार 15 जनवरी को अपने पति से बात की थी. 

कुलजिंदर ने खुलासा किया कि एजेंट ने हरविंदर की यात्रा के हर चरण पर पैसे ऐंठे. ढाई महीने पहले हरविंदर जब ग्वाटेमाला में थे उस वक्त एजेंट को उन्होंने 10 लाख रुपये दिये थे. हरविंद के माता-पिता अभी भी गांव में खेती करते हैं. 

एक दूसरे प्रवासी ने कहा कि अमेरिका पहुंचने के लिए अपनाए जाने वाले डंकी रूट के बारे में बताया. 

इस शख्स ने कहा कि रास्ते में उसके 30,000-35,000 रुपये के कपड़े चोरी हो गए. इस शख्स ने कहा कि  उन्हें पहले इटली और फिर लैटिन अमेरिका ले जाया गया. इस शख्स ने कहा कि उन्हें 15 घंटे लंबी नाव की सवारी करनी पड़ी और 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. 

उन्होंने कहा, "हमने 17-18 पहाड़ियां पार कीं. अगर कोई फिसल जाता, तो उसके बचने की कोई संभावना नहीं होती. हमने बहुत कुछ देखा है. अगर कोई घायल हो जाता, तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता. हमने लाशें देखीं."

Advertisement

अमृतसर एयरपोर्ट पर इन प्रवासियों से पंजाब पुलिस, राज्य की कुछ ओर ऐजेसियों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के अंदर इनसे लंबी पूछताछ की. ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है. 

बता दें कि अमेरिका ने 104 भारतीय प्रवासियों को उस समय वापस भेजा है जब जल्द ही पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा प्रस्तावित है. इस दौरान वे राष्ट्रपति ट्रंप से अवैध प्रवास समेत कई मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement