कांग्रेस से निष्कासित आचार्य प्रमोद कृष्णम का आरक्षण को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उनके बयान को लेकर कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साध रही है. आचार्य ने बताया कि वायरल हो रहा ये वीडियो एक साल पुराना है और आधा है, अब कांग्रेस के मैनेजर इस पर ट्वीट कर रहे हैं.
इसको लेकर आचार्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ साजिश करना कांग्रेस की पुरानी आदत है. उन्होंने कहा, "पिछले 25 सालों से पीएम मोदी को बदनाम करना, चरित्र हनन करना, झूठे पुराने बयानों से उन्हें जोड़ना, ये कांग्रेस का पुराना शौक है. वो लगातार करते आ रहे हैं."
प्रमोद कृष्णम ने कहा, "वह वीडियो एक साल पुराना है और भाषण आधा है, अब कांग्रेस के मैनेजर इस पर ट्वीट कर रहे हैं, बयान दे रहे हैं. मुझे बताया गया है कि राहुल गांधी ने भी इस बारे में कुछ कहा या लिखा है. वे इसे प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ रहे हैं. मेरा यह भाषण एक साल पुराना है जो 24 सितंबर 2023 को दिया गया था जब मैं कांग्रेस के साथ था और आज मैं पीएम मोदी के साथ हूं."
राहुल गांधी ने प्रमोद कृष्णम के बयान पर क्या कहा?
राहुल गांधी ने X पर लिखा, "भाजपा नेताओं और नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से अब साफ हो गया है कि उनका उद्देश्य संविधान बदलकर देश का लोकतंत्र तबाह कर देना और दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करना, लेकिन संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस चट्टान की तरह भाजपा की राह में खड़ी है. जब तक कांग्रेस है- वंचितों से उनका आरक्षण दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती."
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेता ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेता ने आचार्य के वीडियो को शेयर कर लिखा, "संविधान बदलेंगे-यह सिर्फ BJP नेताओं का अपरिपक्व बयान नहीं है, यह मंसूबे और सोच नरेंद्र मोदी, RSS और BJP की है. मोदी के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णन तो सीधे सीधे आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं. ऐसी सामन्तवादी सोच को हम कतई कामयाब नहीं होने देंगे."
प्रमोद कृष्णम वीडियो में क्या कह रहे हैं?
आचार्य प्रमोद कृष्णम वीडियो में कह रहे हैं, "जातिवादी होने का हमला हम पर वो नेता करते हैं, जो एक-एक जातियों के नेता है. जिनकी हैसियत एक-एक जाति की है. मैं कहना चाहता हूं कि अगले महाकुंभ में एक प्रस्ताव आना चाहिए कि अगर भारतीय लोकतंत्र से, भारतीय राजनीति से जातिवाद को मिटाना चाहते हो और भारत के संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर ने ये व्यवस्था दी है, ये हमारी प्रस्तावना है कि भारत के अंदर धर्म, जाति और लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा. अगर ये व्यवस्था बाबा साहेब ने दी है तो आप विद्वान सोचो फिर ये जाति के नाम पर आरक्षण भारत को विभाजित कर रहा है. तो अगले महाकुंभ में ये प्रस्ताव आएगा कि भारत को जातिगत आरक्षण से मुक्त किया जाए."