आज सुबह की ताजा खबर ( Aaj Ki Taza Khabar), 09 दिसंबर 2021 की खबरें और समाचार: आज की बड़ी खबर की बात करें तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने विराट कोहली से वनडे टीम की कप्तानी भी छीन ली है. इसे आप छीनना ही कह सकते हैं, क्योंकि कोहली कप्तानी छोड़ने को तैयार नहीं थे. जबकि बीसीसीआई ने कोहली को कप्तानी छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय भी दिया था.
Virat Kohli : अंत की शुरुआत... कप्तानी नहीं छोड़ रहे थे कोहली, BCCI ने इंतजार किया फिर चला दी कलम!
हाल ही में हुए टी20 वर्ल्ड कप में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में काफी बड़े बदलाव किए गए हैं. विराट कोहली ने खुद ही टी20 फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ दी थी. अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनसे वनडे टीम की कप्तानी छीन ली है. इसे आप छीनना ही कह सकते हैं, क्योंकि कोहली कप्तानी छोड़ने को तैयार नहीं थे. जबकि बीसीसीआई ने कोहली को कप्तानी छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय भी दिया था.
CDS Bipin Rawat Death: सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर पाकिस्तानी सेना ने किया ये ट्वीट
पाकिस्तान की सेना ने हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर दुख जाहिर किया है. तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हादसे में सीडीएस रावत की पत्नी समेत 13 लोगों की जान चली गई. इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर है. पाकिस्तान से भी सीडीएस बिपिन रावत और इस दुर्घटना में मारे गए लोगों की मौत पर लोग अपनी संवेदनाएं जाहिर कर रहे हैं.
गंभीर बीमारियों से पीड़ित कोरोना मरीजों के लिए खास एंटीबॉडी दवा को अमेरिका में मंजूरी
अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को कोरोना के चलते गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं या एलर्जी वाले लोगों के लिए नई COVID-19 एंटीबॉडी दवा पर अपनी मुहर लगा दी है. एक साल से अधिक समय से कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबॉडी दवाएं मानक उपचार रही हैं, लेकिन खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा स्वीकृत एस्ट्राजेनेका एंटीबॉडी दवा अलग है. यह COVID-19 संक्रमण के खिलाफ दीर्घकालिक इलाज के लिए पहली अधिकृत एंटीबॉडी दवा है.
हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत का निधन हो गया है. तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार सुबह भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. तमिलनाडु के कुन्नूर में बिपिन रावत को ले जा रहे भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर को ग्रुप कैप्टन पीएस चौहान और स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप उड़ा रहे थे.
अयोध्या मामले में कैसे सुनाया फैसला, पूर्व CJI गोगोई ने आत्मकथा में बताई पूरी कहानी
देश के सबसे विवादित मसलों में से एक अयोध्या विवाद का अंत भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के कार्यकाल में ही हुआ था. इस मामले पर रंजन गगोई ने अपनी आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' में विस्तार से चर्चा की है और अपनी बातें रखी हैं. गोगोई ने किताब में लिखा है, 'अयोध्या मामला भारत की न्यायपालिका के लिए मानव जाति की लंबी यात्रा में एक अमूल्य योगदान देने का अवसर था. इस फैसले के माध्यम से अलग-अलग विश्वासों के बीच के विवाद को खत्म करने के लिए दुनिया के तमाम समुदायों के बीच विश्वास कायम करने की उम्मीद शांतिपूर्ण और न्यायिक तरीकों से की गई थी. यह विश्वसनीय लोगों को स्वीकार करने और सह-अस्तित्व की क्षमता की खोज करने के लिए भी मार्गदर्शन करेगा, जो भिन्न या विविध हो सकता है या ऐसा माना जा सकता है.'