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डेढ़ हजार की आबादी, 27 हजार जन्म! सरकारी सिस्टम में कैसे दर्ज हो गया इतना बड़ा खेल?

कल्पना कीजिए एक ऐसा गांव, जहां कुल आबादी मुश्किल से कुछ हजार हो… लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उसी गांव में दसियों हजार बच्चों के जन्म दर्ज हों. न अस्पताल भरे, न स्कूलों में जगह, फिर भी आंकड़े आसमान छू रहे हों. जब ये गड़बड़ी सरकारी सिस्टम में पकड़ी गई, तो अफसरों के होश उड़ गए. जांच आगे बढ़ी तो मामला सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साइबर फ्रॉड की आशंका तक पहुंच गया.

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CRS सिस्टम में बड़ा फर्जीवाड़ा? गांव की असल आबादी से कई गुना ज्यादा जन्म दर्ज. (Photo: Representational Image)
CRS सिस्टम में बड़ा फर्जीवाड़ा? गांव की असल आबादी से कई गुना ज्यादा जन्म दर्ज. (Photo: Representational Image)

महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से साइबर फ्रॉड का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आर्णी तालुका की शेंदुरसनी ग्राम पंचायत में जन्म-मृत्यु पंजीकरण के सरकारी सॉफ्टवेयर CRS पर जो आंकड़े दर्ज मिले हैं, उन्होंने पूरे प्रशासन को हिला कर रख दिया है. शेंदुरसनी गांव की कुल आबादी करीब डेढ़ हजार है, लेकिन रिकॉर्ड में यहां 27,397 जन्म पंजीकरण और 7 मृत्यु पंजीकरण दर्ज पाए गए हैं. इतने छोटे गांव में इतने बड़े आंकड़े सामने आने के बाद हड़कंप मच गया.

जैसे ही ये मामला जिला स्वास्थ्य अधिकारी और जिला जन्म-मृत्यु पंजीयक के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कराई गई. जांच में सामने आया कि ये जन्म-मृत्यु की एंट्रियां शेंदुरसनी ग्राम पंचायत क्षेत्र की नहीं हैं और पूरी तरह संदिग्ध हैं. अधिकारियों का कहना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर इतनी बड़ी संख्या में पंजीकरण होना किसी भी हालत में संभव नहीं है.

इसके बाद सीईओ ने मामले की जानकारी उप संचालक, स्वास्थ्य सेवा, पुणे को दी. राज्य स्तर पर लॉग-इन की जांच में यह खुलासा हुआ कि शेंदुरसनी ग्राम पंचायत का CRS ID मुंबई में मैप किया गया है. इसकी पुष्टि फोन पर भी की गई. मामले की तकनीकी जांच के लिए पूरी जानकारी भारत के अतिरिक्त रजिस्ट्रार जनरल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), दिल्ली को भेजी गई है. शुरुआती तकनीकी जांच में इसे साइबर फ्रॉड का मामला माना जा रहा है.

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इसके बाद जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने यवतमाल शहर पुलिस थाने में इस मामले की औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. इस बीच जिला स्वास्थ्य अधिकारी और जिला जन्म-मृत्यु पंजीयक ने जिले के सभी पंजीयकों से अपील की है कि वे अपना CRS ID, पासवर्ड और OTP किसी को भी न दें. साथ ही अगर कहीं कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दें.

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