महाराष्ट्र के बारामती से गुजरने वाले संत तुकाराम महाराज राष्ट्रीय पालखी राजमार्ग का काम जोरों पर है. यहां सड़क के किनारे के पेड़ों को हटा दिया गया है. वहीं रोड के किनारे आने वाले मकानों को गिराया जा रहा है. ऐसे में एक व्यक्ति ने अपने पिता के द्वारा बनवाया गया घर जैक की मदद से दूसरी जगह शिफ्ट कराने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि यह काम लगभग पूरा हो चुका है.
जानकारी के अनुसार, काटेवाड़ी स्थित गांव में रहने वाले अकबर दादा साहेब मुलानी के पिता ने 3 हजार फीट में दो मंजिला मकान बनवाया था. हाइवे बनने की वजह से यह मकान उसकी जद में आ गया, इस वजह से इसे हटाने का आदेश आ गया. मुलानी ने पिता के बनवाए मकान को बचाने के लिए तरीका खोजा. इसके बाद उन्होंने मकान को 12 से 15 फीट पीछे ले जाने का फैसला किया.
यहां देखें वीडियो
फिलहाल बिल्डिंग को शिफ्ट करने का काम चल रहा है. इस क्षेत्र में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है, इसलिए लोग उत्सुक हैं. अकबर दादा साहेब मुलानी के काटेवाड़ी स्थित 3 हजार फीट की दो मंजिला इमारत को 10 से 15 फीट पीछे ले जाया जा रहा है. इसका काम पिछले महीने से चल रहा था, जो अब पूरा हो चुका है. अगले दो दिनों में इमारत को पांच फीट ऊंचा करके नौ फीट पीछे ले जाया जाएगा.
हरियाणा के ठेकेदार को दिया था ठेका
इस काम के लिए हरियाणा से विशेष रूप से प्रशिक्षित ठेकेदार को लाया गया है. ठेकेदार मोहनलाल अब तक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों में 1000 से अधिक इमारतों को स्थानांतरित कर चुके हैं. मुलानी ने बताया कि सड़क के ठीक बगल में बिल्डिंग आ रही थी. पीछे जगह बची थी. इस भवन को गिराने में भी काफी खर्चा आ रहा था. अगर नया भवन बनवाना होता तो 50 लाख रुपये खर्च होते.
यूट्यूब पर सर्च कर हुई मकान शिफ्टिंग की जानकारी
इसी बीच यूट्यूब पर सर्च किया तो हरियाणा के लोगों के बारे में पता चला, जो इमारतों को शिफ्ट करने का काम करते हैं. फिर इन लोगों से संपर्क किया. उन्होंने 15 लाख रुपये खर्च बताया. इमारत को गिराने की बजाय इसे स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, क्योंकि इसे शिफ्ट किया जा सकता था.