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'जब देश का प्रमुख सभा में बजरंग बली की जय बोलेगा तो यही होगा', पवार का PM मोदी पर निशाना

एनसीपी चीफ शरद पवार ने गुरुवार को पुणे में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित की. उन्होंने मीरा रोड स्थित सोसायटी में बकरा लेकर आने पर हुए बवाल के सवाल पर शरद पवार ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब देश का प्रमुख किसी प्रचार सभा में हाथ उंचा कर बजरंग बली की जय बोले तो उसका असर इस तरह का ही होगा.

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पीएम मोदी पर शरद पवार ने साधा निशाना
पीएम मोदी पर शरद पवार ने साधा निशाना

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने देश में धर्म को लेकर बढ़ रहे झगड़ों के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराया है. गुरुवार को पुणे में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि इस पार्टी के नेता सत्ता में आने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने मणिपुर में जारी हिंसा पर भी बीजेपी पर निशाना साधा.

मीरा रोड स्थित सोसायटी में बकरा लेकर आने पर हुए बवाल के सवाल पर शरद पवार ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब देश का प्रमुख किसी प्रचार सभा में हाथ ऊंचा कर बजरंग बली की जय बोले तो उसका असर इस तरह का ही होगा. हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें सांप्रदायिक दंगे हुए हैं. जिन शहरों और कस्बों में दंगे हुए हैं, वहां इसका मकसद नागरिकों को आतंकित करना है. इसका मतलब यह भी है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति बहुत गंभीर है.

मणिपुर में जारी हिंसा के पर पवार ने कहा कि वहां तीन समुदायों के बीच झगड़ा है. बीजेपी वहां सत्ता में है. बीजेपी केंद्र में सत्ता में है. म्यांमार सीमा नजदीक है और बीजेपी 53 दिनों से ज्यादा समय से चल रहे इस तनावपूर्ण हालात पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. यानी ये बीजेपी की नाकामी है.

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क्या है मीरा रोड की घटना?

बता दें कि मंगलवार देर रात मुंबई से सटे मीरा रोड स्थित JP इंफ्रा सोसाइटी में मोहसिन शेख नाम का एक शख्स बकरीद पर कुर्बानी के लिए दो बकरे लेकर आया था. इस दौरान सोसायटी के लोगों को जैसे ही इस बारे में जानकारी हुई तो सारे लोग सोसाइटी के बाहर जमा हो गए और बकरे बाहर ले जाने के लिए प्रदर्शन करने लगे. कथित तौर पर इस दौरान विरोध कर रहे लोगों ने कभी हनुमान चालीसा पढ़ी तो कभी जय श्रीराम के नारे लगाए. प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हो गई. पुलिस ने मोहसिन शेख की शिकायत पर 11 लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है. पीड़ित का कहना था कि वह बकरे सिर्फ घर में रखने के लिए लाया था. उन्हें यहां कुर्बान नहीं किया जाता. 

'बीजेपी अपने किले बचाने में विफल'

उन्होंने कहा कि भारत के अधिकांश राज्यों में मोदी-बीजेपी सरकार नहीं है. आज की स्थिति में अगर हम देखे तो बीजेपी का समर्थन राज्यस्तर पर क्या है. कर्नाटक, तमिलनाडु ,तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान , दिल्ली, पंजाब, हिमाचल , झारखंड , बंगाल बीजेपी के साथ नहीं हैं. अधिकांश राज्यों बीजेपी सत्ता से बाहर है. गोवा में भी बीजेपी की सरकार नहीं थी, लेकिन बीजेपी ने दूसरी पार्टी के विधायकों को अपने पाले में कर लिया और अपनी सरकार स्थापित कर ली. सभी राज्यों में गैर-बीजेपी सरकार होना यह दर्शाता है कि बीजेपी अपने किले को बचाने में विफल रही है.

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'पीएम का गैरजिम्मेदाराना बयान...'

एनसीपी चीफ ने कहा कि यही कारण है कि पीएम ऐसे बयान दे रहे हैं. परसों पीएम कह रहे थे कि अगर आप चाहते हैं कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले जीतें फिर एनसीपी पार्टी को वोट दें. पीएम का ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान देना इस पद को शोभा नहीं देता.

अब बेंगलुरु में होगी विपक्षी दलों की बैठक

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर महागठबंधन की कवायद में जुटे विपक्षी दलों की दूसरे चरण की बैठक अब बेंगलुरु में होगी. इससे पहले तक कहा गया था बैठक का आयोजन शिमला में किया जाएगा, लेकिन अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने बैठक की जगह बदलने की ऐलान किया है. पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि बेंगलुरु में 13 और 14 जुलाई को बैठक का आयोजन किया जाएगा. 

'सत्ता में रहे बिना नहीं रह सकती बीजेपी'

शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सत्ता में रहे बिना नहीं रह सकते. राज्य में बीजेपी नेता सत्ता में रहने के लिए बेचैन हैं. उन्होंने अजित पवार के साथ मिलकर बीजेपी की फडणवीस सरकार बनाने के वाकये पर निशाना साधा और कहा कि सुबह अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण कार्यक्रम ने साफ कर दिया था कि बीजेपी सत्ता में रहने के लिए किसी के भी साथ जा सकती है. मैं यही साबित करना चाहता था और यह साबित हो गया. आप इसे मेरा जाल कह सकते हैं या कुछ और. यह आपको तय करना है.

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जब फडणवीस ने अजित पावर संग सुबह ले ली थी शपथ

बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने 2019 में महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए शरद पवार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि 2019 में चुनाव नतीजों के बाद एनसीपी के कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वो एक स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. फिर इसको लेकर शरद पवार के साथ एक बैठक हुई और फैसला लिया गया कि सरकार बनाई जाएगी. मुझे और अजित पवार को सभी पावर दी गईं. लेकिन शपथ ग्रहण की तैयारियों के बीच शरद पवार ने अपना फैसला वापस ले लिया. तब अजित पवार के साथ मिलकर मैंने सुबह-सुबह शपथ ली थी.

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