आरक्षण विवाद पर मराठा और ओबीसी समुदाय के नेताओं के मध्य मतभेद के बीच, एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. यह बैठक केंद्रीय मंत्री अमित शाह की ओर से शरद पवार पर हमला बोलने और उन्हें देश में भ्रष्टाचार का सरगना बताने के 24 घंटे के भीतर हुई.
राजनीतिक क्षेत्र में हलचल पैदा करते हुए यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली. इसमें सीएम शिंदे और शरद पवार ने कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित आम बैठक के अलावा लगभग 20 मिनट तक बंद कमरे में बैठक की.
सर्वदलीय बैठक बुलाने पर सहमत हुए दोनों नेता
सूत्रों की मानें तो शरद पवार और सीएम शिंदे दोनों राज्य में किसी भी सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए बीच का रास्ता निकालने के लिए मराठा और ओबीसी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ एक सर्वदलीय बैठक बुलाने पर सहमत हुए हैं.
शरद पवार ने स्पष्ट किया है कि विपक्षी दल के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया था क्योंकि उन्हें सरकार की ओर से दोनों समुदायों के प्रदर्शनकारियों को दिए गए आश्वासनों और फैसलों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी इसलिए आरक्षण के मुद्दे को लेकर रोडमैप पर चर्चा करने के लिए विपक्षी नेताओं के बीच कोई स्पष्टता नहीं थी.
शरद पवार से मिले थे छगन भुजबल
अब, सीएम शिंदे सरकार की ओर से लिए गए फैसलों के संबंध में सभी संबंधित दस्तावेजों, सरकारी प्रस्तावों और अधिसूचनाओं को साझा करने पर सहमत हुए हैं. हाल ही में, कैबिनेट मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने आरक्षण मुद्दे पर शरद पवार से मुलाकात की थी. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में स्थिति बहुत खराब है. मराठा, ओबीसी की दुकान में नहीं जा रहे हैं. भुजबल ने कहा कि शरद पवार बड़े नेता हैं और उनको आगे आकर इसमें रास्ता निकालना चाहिए.