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CM और दोनों डिप्टी सीएम के नाम लगभग तय, इन बड़े मंत्रालयों पर माथापच्ची... महाराष्ट्र में ऐसा बन रहा फॉर्मूला!

शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि एकनाथ शिंदे को कुछ भारी-भरकम विभागों के साथ कैबिनेट का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, जो महाराष्ट्र में पार्टी को और मजबूत करने के लिए फायदेमंद होगा. वहीं अजित पवार की नजर भी उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ वित्त मंत्रालय पर भी है.

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अजित पवार, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस
अजित पवार, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस

दिल्ली में आज शाम को महायुति के शीर्ष तीन नेताओं की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक होनी है. इस बैठक से पहले सूत्रों ने पुष्टि की है कि देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना तय है, जबकि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं.

महायुति की इस बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र भाजपा के सह-प्रभारी अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की है. सूत्रों के अनुसार आज रात महायुति की बैठक में ही सरकार गठन का फॉर्मूला तय हो जाएगा.

शिंदे की नजर इन मंत्रालयों पर

एकनाथ शिंदे शहरी विकास और एमएसआरडीसी मंत्रालय अपने पास रखेंगे. इसके अलावा शिंदे राजस्व, कृषि, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मांग करेंगे. इसके अलावा शिंदे केंद्र सरकार में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री पद की मांग कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: शिंदे का सरेंडर, फडणवीस का CM बनना तय! पढ़ें- कैसे एकनाथ ने दूर की महायुति की मुश्किल

शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि एकनाथ शिंदे को कुछ भारी-भरकम विभागों के साथ कैबिनेट का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, जो महाराष्ट्र में पार्टी को और मजबूत करने के लिए फायदेमंद होगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि सरकार में एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति से पार्टी विधायकों को सरकार में पर्याप्त हिस्सेदारी और फंड पाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.

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अजित पवार चाहते हैं ये विभाग

 इसी तरह अजित पवार की नजरें भी उपमुख्यमंत्री पद के साथ वित्त विभाग पर है. भाजपा नेतृत्व वित्त और योजना विभाग अपने पास रखना चाह रहा है. अजित पवार कृषि, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, महिला एवं बाल कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खेल, ग्रामीण विकास, सहकारिता और विपणन जैसे मंत्रालयों को अपने पास रखने पर जोर देंगे.

 इस बीच, भाजपा गृह विभाग, आवास एवं शहरी विकास, वित्त, सिंचाई, ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, पर्यावरण एवं पर्यटन, संसदीय मामले, कौशल विकास और सामान्य प्रशासन (जीएडी) जैसे मंत्रालयों को अपने कोटे में रखना चाहती है.

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निकाला है ये फॉर्मूला

 सूत्रों के अनुसार, सरकार में विभागों के बंटवारे में प्रत्येक सहयोगी दल की हिस्सेदारी तय करने के लिए छह विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉर्मूले पर विचार किया जाएगा. इसके अनुसार, भाजपा के पास करीब 21 से 22 मंत्री पद, शिवसेना शिंदे गुट को 10 से 12 मंत्रालय और अजित पवार एनसीपी गुट को करीब 8 से 9 मंत्रालय मिलेंगे. महाराष्ट्र में मंत्री पद का कुल कोटा मुख्यमंत्री पद सहित 43 से अधिक नहीं होना चाहिए.

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