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महाराष्ट्र: नगर निगम चुनाव के लिए एक साथ आए अजित और शरद पवार, सीट बंटवारे पर चर्चा जारी

पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव से पहले अजित पवार ने शरद पवार गुट के साथ गठबंधन का ऐलान किया है. इसे परिवार की एकजुटता और महाराष्ट्र विकास का कदम बताया गया है.

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पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव के लिए साथ आए अजित और शरद पवार (File Photo: PTI)
पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव के लिए साथ आए अजित और शरद पवार (File Photo: PTI)

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने रविवार को पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव के लिए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन का ऐलान किया. यह ऐलान आगामी 15 जनवरी को राज्य के 29 नगर निगमों में होने वाले मतदान के मद्देनजर एक चुनावी रैली के दौरान किया गया. 

अजित पवार ने इस गठबंधन का अहम मकसद महाराष्ट्र के विकास और बंटे हुए परिवार को फिर से एकजुट करना बताया है. 

दोनों गुटों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है. यह चुनावी तालमेल पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र की स्थानीय राजनीति को नई दिशा देने के लिए किया गया है.

परिवार की वापसी और विकास का लक्ष्य

अजित पवार ने चुनावी सभा में कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट तय करते वक्त दोनों गुटों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया. उन्होंने इसे 'परिवार का फिर से एक होना' बताया है. अजित के मुताबिक, लोगों के मन में गठबंधन को लेकर कई सवाल थे, जिनका जवाब अब मिल गया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के विकास के हित में कभी-कभी ऐसे कड़े और बड़े फैसले लेने पड़ते हैं. सीट बंटवारे की बातचीत आखिरी दौर में है और इसका ऐलान बहुत जल्द किया जाएगा. 

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पुणे में फेल रही थी गठबंधन की कोशिश

पुणे नगर निगम चुनावों के लिए गठबंधन की बातचीत पहले विफल हो गई थी. उस समय विवाद की मुख्य वजह अजित पवार की यह शर्त थी कि शरद पवार गुट के उम्मीदवार उनकी पार्टी के चिन्ह पर लड़ें. शरद पवार गुट के नेता अंकुश काकड़े ने कहा था कि वे अपनी पार्टी के चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा था कि अजित पवार के नेतृत्व को स्वीकार करने का गलत संदेश जाता, इसलिए उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.

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चुनाव चिन्ह और भविष्य की रणनीति

अदालत के फैसले के बाद 'घड़ी' का चिन्ह अजित पवार गुट के पास है, जबकि शरद पवार गुट 'तूतारी' चिन्ह पर चुनाव लड़ता है. एनसीपी (SP) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले की राय भी गठबंधन को लेकर अलग रही है. वे महाविकास अघाड़ी (MVA) के साथ रहने के पक्ष में हैं, जिसमें कांग्रेस और शिवसेना (UBT) शामिल हैं. हालांकि, पिंपरी-चिंचवड़ में हुए इस नए समझौते ने सूबे की सियासत में हलचल तेज कर दी है. 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं.

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