राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नेता छगन भुजबल ने राजभवन में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फड़णवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार का आज मंत्रिमंडल विस्तार कर रही है. महाराष्ट्र की सियासत में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सबसे बड़े चेहरों में गिने जाने वाले छगन भुजबल एक बार फिर से मंत्री बन गए हैं.
शपथ से पहले छगन भुजबल ने खुद को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा था, "मुझे इस संबंध में जानकारी दी गई है."
'अंत भाल तो सब भला...'
महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, "जैसा कि कहा जाता है, 'अगर अंत अच्छा हो तो सब कुछ अच्छा होता है.' मैंने गृह मंत्रालय से लेकर हर जिम्मेदारी संभाली है. मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह ठीक रहेगी। यह सीएम का विशेषाधिकार है."
छगन भुजबल के महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने पर डीसीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, "छगन भुजबल पहले भी मंत्री रह चुके हैं और कई विभागों का नेतृत्व कर चुके हैं. वे एक अनुभवी नेता हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूं और राज्य सरकार को उनके अनुभव से काफी फायदा मिलेगा."
नई सरकार में नहीं मिली थी जगह
गौरतलब है कि एनसीपी के सीनियर लीडर छगन भुजबल महायुति की पिछली सरकार में भी मंत्री थे. एनसीपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले भुजबल का नई सरकार में भी मंत्री बनना तय माना जा रहा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में भुजबल को जगह नहीं दी गई. 77 साल के कद्दावर नेता ने इसे लेकर अपनी नाखुशी खुलकर जाहिर की थी और अजित पवार पर भी निशाना साधा था. छगन भुजबल नासिक जिले के येवला विधानसभा सीट से विधायक हैं.
धनंजय मुंडे की जगह मिला मंत्री पद
छगन भुजबल को धनंजय मुंडे की जगह देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. गौर करने वाली बात है कि धनंजय मुंडे ने मार्च महीने में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके पास खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी थी. धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बीड में हुई एक सरपंच की हत्या के मामले में अपने एक सहयोगी का नाम आने के बाद से ही बढ़ गया था. बीड के सरपंच देशमुख की हत्या के मामले में धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मिकी कराड का नाम आया था.
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बता दें कि पिछले साल दिसंबर 2024 में मंत्रिमंडल विस्तार में जब मंत्री पद नहीं मिला, तब छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी. भुजबल ने इसके बाद खुलकर नाराजगी व्यक्त करते हुए दावा किया था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनको मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की वकालत की थी, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. छगन भुजबल की ये नाराजगी पार्टी के अंदर और बाहर चर्चा का विषय बन गई थी.
(ANI और ऋत्विक भालेकर के इनपुट के साथ)