महाराष्ट्र के कोकण इलाके में लोकल बॉडी चुनावों से पहले बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. यहां 'कैश फॉर वोट्स' यानी पैसों के बदले वोट खरीदने के आरोप सामने आए हैं. मामला मलवण का है, जहां चुनाव प्रचार खत्म होते ही पुलिस ने दो बीजेपी नेताओं देवगढ़ तालुका अध्यक्ष महेश नर्कर और मलवण अध्यक्ष बाबा परब की गाड़ियों को रोका. पुलिस के मुताबिक इन गाड़ियों से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई. इसके बाद नर्कर की गाड़ी को पुलिस स्टेशन ले जाकर जांच शुरू की गई.
इस घटना के तुरंत बाद राजनीति में जबरदस्त टकराव शुरू हो गया. शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक निलेश राणे पुलिस स्टेशन पहुंच गए और पुलिस से जोर देकर कहा कि इस मामले में FIR दर्ज करें. राणे ने पुलिस पर राजनीतिक दबाव में मामला दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वो पहले भी ऐसे आरोप लगा चुके हैं और ये कोई नई घटना नहीं है. इस विवाद ने बीजेपी और शिंदे सेना, दोनों सत्ताधारी सहयोगियों के बीच नई खाई पैदा कर दी है.
राणे ने लगाया चुनाव सेटिंंग का आरोप
विवाद यहीं नहीं रुका. राणे ने हाल ही में स्थगित किए गए स्थानीय चुनावों की तारीखों पर भी सवाल उठाए. उनका आरोप है कि चुनाव की तारीखें बदलकर 'चुनाव सेटिंग' और गड़बड़ी की तैयारी की गई है. इसके अलावा उन्होंने प्रचार समय को 24 घंटे बढ़ाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि ये अतिरिक्त समय अवैध तरीके से पैसे बांटने के लिए इस्तेमाल किया गया. राणे ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की है और चेतावनी दी है कि अगर FIR दर्ज नहीं हुई तो वो चुनाव आयोग के अधिकारियों समेत जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.
संजय राउत ने कसा तंज
इस पूरे विवाद में नई आग तब लगी जब शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने सीधे डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर आरोप लगा दिया. राउत ने सोशल मीडिया पर शिंदे के मलवण दौरे को नकदी बरामदगी से जोड़ते हुए तंज कसा कि डिप्टी सीएम अपने बैग में क्या लेकर आए थे? उन्होंने कहा कि ऐसी ही 'बैग' नासिक में भी उतरी थीं. राउत ने ये कहकर सवाल उठाया कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हालत आखिर क्या रह गई है.