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नांदेड़ के लोहा में BJP ने उतारे थे एक ही परिवार के 6 उम्मीदवार, NCP के 'शरद पवार' ने सबको दी मात

नांदेड़ जिले की लोहा नगर परिषद में भाजपा की एक ही परिवार के 6 उम्मीदवारों को खड़ा करने की रणनीति विफल रही. अध्यक्ष पद के लिए पार्टी उम्मीदवार गजानन सूर्यवंशी और उनके परिवार के पांच सदस्य चुनाव हार गए. इस सीट पर अजित पवार गुट की एनसीपी ने जीत दर्ज की.

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नांदेड़ के लोहा नगर परिषद में अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने 20 में से 17 वार्ड में जीत दर्ज की. (File Photo: X/@NCP)
नांदेड़ के लोहा नगर परिषद में अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने 20 में से 17 वार्ड में जीत दर्ज की. (File Photo: X/@NCP)

महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में अपना प्रभुत्व जमाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नांदेड़ के लोहा नगर पालिका में बड़ा झटका लगा, जहां पार्टी ने एक ही परिवार के छह सदस्यों को उम्मीदवार बनाया था. यहां अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने बीजेपी के सभी छह उम्मीदवारों को हराकर जीत दर्ज की. लोहा नगर पालिका में 20 पार्षदों और मेयर का पद दांव पर था. बता दें कि अजित पवार की एनसीपी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल है और वह खुद डिप्टी सीएम हैं.

मेयर पद के लिए भाजपा ने लोहा में प्रभावशाली नेता गजानन सूर्यवंशी पर भरोसा जताया था, लेकिन उन्हें एनसीपी (अजित पवार) उम्मीदवार ने हरा दिया. दिलचस्प ये रहा कि विजयी एनसीपी उम्मीदवार का नाम शरद पवार है. गजानन सूर्यवंशी की पत्नी गोदावरी सूर्यवंशी, भाई सचिन सूर्यवंशी, भाभी सुप्रिया सूर्यवंशी, जीजा युवराज वाघमारे और भतीजे की पत्नी रीना व्यवहारे भी लोहा नगर पालिका का चुनाव लड़ रहे थे और सभी को हार मिली. लोहा नगर परिषद में एनसीपी का दबदबा रहा. उसके अध्यक्ष पद समेत कुल 17 पार्षद जीते, जबकि भाजपा, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के एक-एक पार्षद जीत सके.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र निकाय चुनाव: महायुति की आंधी में साफ हुआ MVA, जीत के बाद बोले PM- विकास के साथ मजबूती से खड़े हैं लोग

चुनाव से पहले एक ही परिवार से छह उम्मीदवार उतारने के बीजेपी के फैसले ने बड़ा विवाद खड़ा किया. इसकी आलोचना न केवल विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने की, बल्कि महायुति के सहयोगी अजित पवार की एनसीपी को भी यह रास नहीं आया. एनसीपी नेता प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर ने कहा कि भाजपा को क्षेत्र में पर्याप्त उम्मीदवार नहीं मिले, इसलिए उसने एक ही परिवार के छह सदस्यों को  मैदान में उतारा. एमवीए ने इसे 'वंशवादी राजनीति' बताकर बीजेपी पर तंज कसा.

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नांदेड़ जिले में एनसीपी ने लोहा, कंधार, देगलूर और उमरी नगर परिषदों में जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने कुंडलवाड़ी, मुधखेड़ और भोकर नगर परिषदों पर कब्जा जमाया. शिवसेना और मराठवाड़ा जनहित पार्टी ने दो-दो नगर परिषदें जीतीं, जबकि शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने एक-एक स्थान पर जीत दर्ज की. शरद पवार गुट की एनसीपी जिले में खाता भी नहीं खोल सकी. नांदेड़ में भाजपा के प्रदर्शन ने इसलिए भी सुर्खियां बटोरीं क्योंकि पूर्व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं. उन्हें नांदेड़ में एक दिग्गज नेता माना जाता है.

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