महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के बीच सुलह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच राज्य में मंत्री और बीजेपी नेता नितेश राणे ने रविवार को उद्वव ठाकरे पर तंज करते हुए पूछा कि क्या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के उस बयान पर प्रतिक्रिया देने से पहले अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे से सलाह ली थी, जिससे दोनों चचेरे भाइयों के बीच गठबंधन की अटकलें शुरू हो गई थीं.
'रश्मि ने कराया था पार्टी से बाहर'
पिछले कुछ दिनों से राज और उद्धव ने संभावित सुलह की अटकलों को हवा दी है और ऐसे बयान दिए हैं जिनसे संकेत मिलता है कि वे मामूली मुद्दों को नजरअंदाज कर महाराष्ट्र और मराठी 'मानुष' के हित में हाथ मिला सकते हैं.
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पीटीआई के मुताबिक नितेश राणे ने एक पॉडकास्ट में कहा कि आपको उद्धव ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने एमएनएस के साथ हाथ मिलाने से पहले रश्मि ठाकरे की इजाजत ली थी, ऐसे फैसलों में उनकी राय ज्यादा मायने रखती है. मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि यह रश्मि ठाकरे ही थीं जिन्होंने राज ठाकरे को शिवसेना से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी, जबकि उस समय दोनों चचेरे भाइयों के बीच कोई बड़ा मतभेद नहीं था.
नितेश राणे ने दावा किया राज ठाकरे से ज्यादा दिक्कत रश्मि ठाकरे को थी, न कि राज ठाकरे को. उन्होंने कहा कि फिर से राज ठाकरे के साथ आने से पहले उद्धव को पत्नी रश्मि ठाकरे की सहमति लेनी होगी. उन्होंने कहा कि जो भी शिवसेना को अंदर से जानते हैं, वह मेरी बात से इनकार नहीं करेंगे और इसके लिए मैं उद्धव ठाकरे को चुनौती देने को भी तैयार हूं.
उद्धव ने राज के सामने रखी शर्तें
शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक साथ आने की संभावना पर राणे ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने महाराष्ट्र में जोरदार जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से हम उनके बीच किसी गठबंधन को लेकर चिंतित नहीं हैं.
दरअसल, महेश मांझरेकर के साथ एक पॉडकास्ट में राज ठाकरे ने एक बयान दिया, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अस्तित्व के सामने ये सब झगड़े छोटे नजर आते है, साथ में आना ये कोई कठिन बात नहीं है, लेकिन सवाल इच्छा का है. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी मतभेदों को भुलाकर कुछ शर्तों के साथ फिर से राज ठाकरे के साथ आने के संकेत दिए थे.
'गठबंधन पर फिलहाल कोई बातचीत नहीं'
उन्होंने कहा कि हम छोटे-मोटे झगड़े खत्म करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने राज ठाकरे के सामने शर्त भी रखी है. उद्धव ने कहा कि जो भी महाराष्ट्र के हित के खिलाफ होगा उसे घर बुलाकर खाना नहीं खिलाएंगे. उद्धव ने कहा कि मराठी मानुष और महाराष्ट्र के लिए जो भी बेकार के झगड़े हैं, मैं उन्हें खत्म करने को तैयार हूं. मैं सभी मराठी लोगों से अपील करता हूं कि वे एक हों और महाराष्ट्र के हित में साथ आएं.
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हालांकि दोनों भइयों के एक होने को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि दोनों के बीच गठबंधन को लेकर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है, यह सिर्फ भावनात्मक जुड़ाव है. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों भाई हैं और हमने वर्षों तक साथ काम किया है. आज भी भाईचारे और दोस्ती का हमारा रिश्ता कायम है. वो कभी टूटा नहीं है.