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मतगणना वाले दिन ड्राई डे के खिलाफ कोर्ट पहुंचा एसोसिएशन, नतीजे आने के बाद दुकानें खोलने की अपील

वकील वीणा और विशाल थडानी ने मंगलवार को मुंबई सिटी कलेक्टर और सबअर्बन कलेक्टर की ओर से पारित आदेश के खिलाफ दो याचिकाओं का उल्लेख किया. थडानी ने जस्टिस आरिफ डॉक्टर और सोमशेखर सुंदरेसन की पीठ को बताया कि एएचएआर ने अप्रैल के आखिर में कलेक्टरों से संपर्क किया था और उनसे पूरे दिन को ड्राई डे घोषित करने के अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा था.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

एसोसिएशन ऑफ ओनर्स ऑफ होटल्स, रेस्टोरेंट्स, परमिट रूम्स एंड बार्स (AHAR) ने मुंबई कलेक्टर के आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है. कलेक्टर के आदेश में 4 जून को लोकसभा चुनाव मतगणना दिवस को ड्राई डे घोषित किया गया है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि शराब की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और मतगणना के पूरे दिन यानी 4 जून 2024 को ड्राई डे घोषित किया गया है. हालांकि दोपहर तक वोटों की गिनती पूरी होने और नतीजे घोषित किए जाने की संभावना है.

फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध

वकील वीणा और विशाल थडानी ने मंगलवार को मुंबई सिटी कलेक्टर और सबअर्बन कलेक्टर की ओर से पारित आदेश के खिलाफ दो याचिकाओं का उल्लेख किया. थडानी ने जस्टिस आरिफ डॉक्टर और सोमशेखर सुंदरेसन की पीठ को बताया कि एएचएआर ने अप्रैल के आखिर में कलेक्टरों से संपर्क किया था और उनसे पूरे दिन को ड्राई डे घोषित करने के अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा था.

चुनाव आयोग ने दिया निर्देश

थडानी ने कहा कि कुछ दिनों बाद कलेक्टरों ने बताया कि चूंकि उनका फैसला चुनाव आयोग के निर्देश पर आधारित है इसलिए वे इस लेकर कुछ नहीं कर सकते. चुनाव आयोग ने निर्देश दिया था कि मतदान के दिन से 48 घंटे पहले और मतगणना के दिन शराब की बिक्री नहीं होगी और ड्राई डे मनाया जाएगा. 

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एसोसिएशन ने कोर्ट में क्या कहा?

एसोसिएशन ने कहा कि उसके सदस्य बिजनेस चलाने के लिए राज्य सरकार को लाइसेंस फीस के रूप में बड़ी रकम का भुगतान करते हैं जबकि कई अवैध शराब निर्माता और बूटलेगर्स हैं जो मुंबई में अवैध शराब के साथ-साथ भारत में निर्मित विदेशी शराब और बीयर का निर्माण और बिक्री कर रहे हैं. इसलिए जब भी विभिन्न कारणों से शराब की बिक्री के लिए अधिकृत दुकानें बंद हो जाती हैं तब ऐसे अवैध कारोबार पनपते हैं. बूटलेगर्स इस बात का फायदा उठाते हैं और अवैध बिक्री के माध्यम से भारी मुनाफा कमाते हैं.

थडानी ने कलेक्टर के आदेश में सिर्फ संशोधन का अनुरोध किया और कहा कि शराब की दुकानों को पूरे दिन बंद रखने के बजाय नतीजे घोषित होने के बाद खोलने की अनुमति दी जाए. बेंच ने थडानी को कुछ देर तक सुनने के बाद वकीलों को अपनी याचिका को 22 मई को पेश करने का निर्देश दिया.

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