मध्य प्रदेश के सागर में ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन के विपरीत प्रभाव सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि करीब 27 मरीज़ों में एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगने के बाद रिएक्शन हो गया जिसके बाद इंजेक्शन के इस्तेमाल को रोक दिया गया है.
मामला सागर के बुंदेलखंड मेडिकल क़ॉलेज का है, जहां ब्लैक फंगस के इन दिनों करीब 42 मरीज़ भर्ती हैं. इन मरीज़ों के इस्तेमाल के लिए दो दिन पहले ही करीब 350 एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं. 42 में से 27 मरीज़ों को शनिवार को एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का डोज़ दिया गया जिसके कुछ दी देर बाद उनमें विपरीत प्रभाव देखने को मिला.
रिएक्शन की वजह से बुखार के साथ ही मरीज़ों को ठंड लगने लगी और कुछ मरीज़ों को उल्टियां भी हुई जिसके बाद रिएक्शन को देखते हुए तत्काल ही अन्य मरीजों को यह इंजेक्शन लगाने से रोके गए और प्रभावित मरीजों का विशेषज्ञों की निगरानी में ट्रीटमेंट किया गया. फिलहाल सभी की हालत स्थिर है और इस इंजेक्शन के विकल्प में जो दवाइयां हैं उनका उपयोग किया जा रहा है.
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर उमेश पटेल ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि म्यूकर माइकोसिस वार्ड में वर्तमान में 42 मरीज भर्ती हैं. एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन 27 मरीजों को शनिवार शाम लगाए गए, इंजेक्शन लगाते ही एडवर्स रिएक्शन हुआ जिसके बाद इंजेक्शन को तत्काल प्रभाव से रोका गया है.
मेडिकल कॉलेज के सुप्रीटेंडेंट के निर्देश पर तुरंत मरीजों का ट्रीटमेंट शुरू किया गया. फिलहाल मरीजों की स्थिति स्थिर है. एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के विकल्प के तौर पर मरीज़ों को दूसरी दवाइयां दी जा रही हैं. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही शासन को इसकी सूचना दी जा रही है.
इनपुट- हिमांशु पुरोहित