पुलवामा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल की है. मुठभेड में दो आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि पिछले महीने मार्च और अप्रैल के दौरान बाहरी मजदूरों पर हुए हमलों में यह दोनों आतंकी शामिल थे. उन्होंने बताया कि दोनों स्थानीय आतंकी थे, जिनकी पहचान कश्मीर के अल-बद्र के रहने वाले एजाज हाफिज और शाहिद अयूब के रूप में हुई है.
पुलवामा में मित्रिगम में हुई है मुठभेड़
पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों ने पुलवामा के मित्रिगम इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था. उन्होंने बताया था कि आतंकवादियों ने तभी सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं. सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों आतंकी मारे गए.
24 अप्रैल को मारे गए थे 3 आतंकी
पुलवामा के पाहू इलाके में 24 अप्रैल को मुठभेड़ में 3 आतंकवदियों को मार गिराया गया था. ये सभी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े थे. 23 अप्रैल को भी जम्मू कश्मीर के सुंजवां में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान आत्मघाती हमलावरों को मार गिराया था.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन हमलावरों का सहयोग करने वाले चार स्थानीय नागरिकों की भी पहचान कर ली गई है. इनमें से एक शफीक अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया है, दूसरा इकबाल हिरासत में है जबकि आसिफ और बिलाल फरार हैं. घुसपैठियों को बिलाल ने सांबा अंतरराष्ट्रीय सीमा से रिसीव किया था.
टीआरएफ और जैश हुए सक्रिय
जम्मू कश्मीर के एडीजी के मुताबिक, एनकाउंटर की जांच तेजी ने रफ्तार पकड़ ली है. पाकिस्तान की सत्ता में परिवर्तन के बाद TRF और जैश एक्टिव हो गए हैं. कश्मीर में हमले की योजना पर काम कर रहे हैं. डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है.
2 रेलवे पुलिसकर्मियों की कर दी थी हत्या
पुलवामा के काकापोरा में 18 अप्रैल को आतंकियों ने आरपीएफ के दो पुलिसकर्मियों को गोली मार दी थी. घटना में हेड कांस्टेबल सुरिंदर सिंह और एसआई देव राज की मौत हो गई थी. जब हमला हुआ तक दोनों कर्मचारी एक चाय की दुकान के पास खड़े थे.
(इनपुट: इकबाल)