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'एक गोली चल जाए तो लोग भाग जाते हैं... अब वापस आना चाहिए कश्मीर,' पर्यटकों पर बोले फारूक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि एक गोली चल जाए तो लोग भाग जाते हैं. उन्होंने कहा कि अब वापस आना चाहिए कश्मीर. पूर्व मुख्यमंत्री उद्योंगों की तरफ जाने की जरूरत पर भी बल दिया.

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फारूक अब्दुल्ला. (फाइल फोटो)
फारूक अब्दुल्ला. (फाइल फोटो)

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले और भारतीय सैन्य बलों के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पर्यटन गतिविधियां लगभग थम सी गई हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार पर्यटन को ट्रैक पर लाने की कोशिश में एक्टिव हो गई है. वहीं,  इसे लेकर अब जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक  अब्दुल्ला का भी बयान आया है. डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा है कि सिर्फ पर्यटन पर ही ध्यान नहीं देना है. जम्मू कश्मीर को अगर आगे लेकर जाना है, तो हमें ऐसे उद्योगों की तरफ भी जाना पड़ेगा जो हमें सस्टेन करे.

उन्होंने कहा है कि पर्यटन में मुसीबत यह है कि एक गोली चल जाए तो लोग भाग जाते हैं. करगिल हुआ था, तब भी लोग भाग गए थे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लोग डर गए थे. उम्मीद थी कि लोग इस साल करोड़ों की संख्या में जम्मू कश्मीर आएंगे, लेकिन पहलगाम के हमलावरों को मासूमों का घर नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि जो हुआ, हमें अफसोस है. लेकिन वो हमने नहीं किया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमला किसने किया, यह देश को पता है. लोगों को अब वापस आना चाहिए कश्मीर.

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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि जंग किसी मकसद का हल नहीं है. जंग बर्बादी लाती है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां भी बर्बादी हुई, पाकिस्तान में भी बर्बादी हुई. पूंछ में मासूम बच्चे मारे गए. हमारे यहां 18 लोग मारे गए. फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन जो बांध बना रहा है, हमें उससे दिक्कत होगी. डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनके पुत्र और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहलगाम पहुंचे थे जहां आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था.

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उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में ट्रैवेल एजेंट्स, पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इसे कश्मीर में पर्यटन की वापसी की कोशिशों के तहत आउटरिच प्रोग्राम की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा रहा है. गौरतलब है कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद सरकार के आदेश पर कश्मीर के 48 पर्यटन स्थल बंद कर दिए गए थे. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को यह निर्देश दिया है कि अपना पूरा ध्यान अमरनाथ यात्रा को सकुशल संपन्न करने पर केंद्रित करें.

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अमरनाथ यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पर्यटन को फिर से ट्रैक पर लाने का विषय फिलहाल कहीं पीछे छूट गया है. पर्यटन को लेकर सरकार के स्तर पर अमरनाथ यात्रा समाप्त होने के बाद कोई फैसला लिए जाने की संभावना है. सूत्रों का यह भी कहना है कि इस फैसले में उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार का रोल बहुत कम है. उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार पर्यटन को ट्रैक पर लाने की कोशिश में एक्टिव नजर आ रही है, तो इसके पीछे पर्यटन से जुड़े संगठनों का दबाव और राजनीतिक कारण वजह बताए जा रहे हैं.

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