कश्मीर के तूत मारी गली सेक्टर को नियंत्रण रेखा (LoC) के महत्वपूर्ण सैन्य स्थानों में गिना जाता है. यह वही इलाका है जहां से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद सीमा पर सैन्य संघर्ष तेज किया था, जिसका भारतीय सेना द्वारा कड़ा जवाब दिया गया था. पहले छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू हुई और बाद में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारी तोपखानों का इस्तेमाल किया गया.
भारतीय सेना ने इस बढ़ती हुई स्थिति का प्रभावी और कड़ाई जवाब दिया. सीमावर्ती फ्रंट पॉजीशन से भारतीय सैनिकों ने सटीक फायरिंग कर पाकिस्तानी ठिकानों को क्षति पहुंचाई. पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी न तो सटीक थी और न ही प्रभावी, जबकि हमारे सैनिकों ने हर पोस्ट को निशाने पर लिया और उन्हें ध्वस्त किया.
यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले से पहले PAK, फिर कश्मीर गई थी Youtuber ज्योति... ट्रैवल के बीच लिंक तलाश रही जांच एजेंसियां
भारतीय तोपखानों ने पाकिस्तान को दी बड़ी चोट
भारतीय सेना की तोपखाने की इकाइयों ने न केवल दुश्मन की एग्रेशन का जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान भी पहुंचाया. तोपों की संयुक्त फायरिंग ने दुश्मन को भारत की ताकत का स्पष्ट संदेश दिया. LoC के किनारे बनाए गए भारतीय सेना के मजबूत बंकर, सुरंग और जमीनी पॉजीशन सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच साबित हुए. ये संरचनाएं न सिर्फ सैनिकों को गोलीबारी में बचाती हैं बल्कि उन्हें प्रभावी जवाब देने की सुविधा भी प्रदान करती हैं.
अंडरग्राउंड कमांड कंट्रोल रूम से होती है निगरानी
तूत मारी गली के नीचे बने अंडरग्राउंड कमांड कंट्रोल रूम से सैकड़ों निगरानी कैमरों का लाइव फीड देखा जाता है. यह कमांडर के लिए युद्ध निगरानी और योजना बनाने का एक सुरक्षित केन्द्र है. 10000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर हल्की तोपें तैनात हैं, जो दुश्मन को काउंटर करने में साहायक हैं. ये तोपें देश में बनाई गई हैं और ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई थी.
यह भी पढ़ें: ज्योति मल्होत्रा पर कई बड़े खुलासे... पहले पाक, फिर कश्मीर का दौरा और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान PAK एजेंट से संपर्क
दुश्मन के पोस्ट्स को यहीं से बनाया जाता है निशाना
LoC पर सबसे ऊंची पोस्ट भारतीय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जो लीपा घाटी के पास है. यहां से सीमा के अन्दर दुश्मन के पोस्टों को साफ देखा और निशाना बनाया जाता है. इस क्षेत्र में भारतीय सेना की सक्रिय मजबूत स्थिति ने पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई में सीमित रखा और भारतीय सुरक्षा को मजबूती दी है. तूत मारी गली सेक्टर नियंत्रण रेखा पर भारत की रणनीतिक तैयारी और कार्यवाही का प्रतीक है.