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कुल्लू में भीषण भूस्खलन की चपेट में आए तीन घर, मलबे से निकाले गए 4 लोग, 1 की मौत

लगातार बारिश और भूस्खलनों ने हिमाचल प्रदेश की रफ्तार थाम दी है. गुरुवार को एक भूस्खलन ने तीन मकानों को अपनी चपेट में ले लिया. जानकारी के मुताबिक अब तक चार लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है जबकि एक शव बरामद हुआ है.

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20 जून से 30 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की 95 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. (File Photo: Screengrab)
20 जून से 30 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की 95 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. (File Photo: Screengrab)

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में आज बड़ा हादसा हो गया. इन्नर अखाड़ा बाजार इलाके में अचानक हुए भूस्खलन की चपेट में तीन मकान आ गए. हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और राहत-बचाव अभियान शुरू किया.

अब तक मलबे से चार लोग बाहर निकाले जा चुके हैं, जबकि आशंका जताई जा रही है कि कुछ और लोग मलबे में दबे हो सकते हैं. बचावकर्मियों ने एक शव भी मलबे से बाहर निकाला है. टीम लगातार राहत कार्य में जुटी हुई है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. गौर करने वाली बात यह है कि इसी इलाके में बीते दिन भी एक दो मंजिला इमारत ढह गई थी. 

हिमाचल में हालात चिंताजनक

लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा और बढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि उत्तर भारत के कई राज्य इस वक्त भयानक बाढ़ की चपेट में हैं. उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं.   

ब्यास नदी का प्रचंड रूप

20 जून से 30 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की 91, बादल फटने की 45 और बड़े भूस्खलन की 95 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. भाखड़ा नांगल डैम लबालब पानी से भरा हुआ है. गोविंद सागर झील खतरे के निशान को पार कर चुकी है. बारिश के रेड अलर्ट ने मनाली की धड़कनें भी बढ़ा दी हैं.     

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हिमाचल की ब्यास नदी भी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है. कुल्लू और मनाली का संपर्क टूट गया है. नेशनल हाइवे-3 जलमग्न हो गया है और सड़क पर पानी में बहकर आया मलबा जमा हो गया है. नदी के तेज बहाव ने मनाली और ओल्ड मनाली को जोड़ने वाले पुल को भी नष्ट कर दिया है.

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