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आईएनएलडी जीती तो जेल से ही मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे चौटालाः अभय

भारतीय राष्ट्रीय लोक दल ने कहा कि अगर हरियाणा विधानसभा चुनाव में उसकी जीत होती है तो पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला जेल से ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. आईएनएलडी के विधायक और ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला ने यह घोषणा की.

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अभय चौटाला
अभय चौटाला

भारतीय राष्ट्रीय लोक दल ने कहा कि अगर हरियाणा विधानसभा चुनाव में उसकी जीत होती है तो पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला जेल से ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री और आईएनएलडी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला ने यह घोषणा की.

ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक बेटे एवं वरिष्ठ नेता अजय सिंह चौटाला राज्य में करीब 14 साल पहले जूनियर बेसिक टीचर्स के भर्ती घोटाले के सिलसिले में फिलहाल जेल में बंद हैं. आईएनएलडी ने ओम प्रकाश चौटाला के जेल जाने के बाद भी किसी और को विपक्ष का नेता नहीं बनाया.

अभय चौटाला ने कहा, ‘ओम प्रकाश चौटाला हमारे नेता हैं और हम यह विधानसभा चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ रहे हैं. उन पर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. इसके पीछे कांग्रेस, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सीबीआई है. सत्ता में आने के बाद केवल ओम प्रकाश चौटाला ही हमारे मुख्यमंत्री होंगे, अगर उस समय तक वो जेल में रहते हैं तो वहीं शपथ लेंगे.’

आईएनएलडी के महासचिव आरएस चौधरी ने कहा, ‘कानून के मुताबिक अगर ओम प्रकाश चौटाला को चुनाव लड़ने से रोका गया तो भी जीतने के बाद वो कम से कम छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनेंगे ही.’

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कानून के जानकारों के मुताबिक ऐसा कोई मानदंड तय नहीं है कि राज्य का मुख्यमंत्री शपथ कहां लेगा. मुख्यमंत्री के रूप में कोई भी शपथ ले सकता है. इसके लिए केवल एक शर्त है कि शपथ लेने के छह महीने के भीतर उसे विधानसभा सदस्य बनना होगा.

आईएनएलडी नेताओं की अग्निपरीक्षा
हरियाणा में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. शीर्ष नेतृत्व के अभाव में हरियाणा में आगामी चुनावों के लिए आईएनएलडी का प्रचार अभियान इसकी दूसरी पंक्ति के नेता संभाल रहे हैं और हाल में लोकसभा चुनावों में अपने नेतृत्व में दो सीटें जीतने के बाद वे काफी उत्साहित हैं. हरियाणा में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए यह मुख्य विपक्षी दल के दूसरी पंक्ति के नेताओं के लिए अग्निपरीक्षा है. इन नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनावों में अपना कुछ प्रभाव छोड़ा है क्योंकि मोदी लहर के बावजूद आईएनएलडी राज्य में दो लोकसभा सीटों पर विजयी रही.

हालांकि राज्य के चुनाव थोड़े अलग होते हैं क्योंकि इसमें स्थानीय मुद्दों की भूमिका होती है. इसके अलावा कांग्रेस की तरह आईएनएलडी को भी चुनावों से पहले नेताओं द्वारा पार्टी छोड़े जाने का सामना करना पड़ा. कृष्ण पवार और नफे सिंह सहित इसके कुछ नेता बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी के चुनाव प्रचार का नेतृत्व अभय सिंह चौटाला, राज्य इकाई के प्रमुख अशोक अरोड़ा, देवीलाल के प्रपौत्र दुष्यंत और दिग्विजय संभाल रहे हैं.

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राजनीतिक पंडितों के मुताबिक अपने वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति में पार्टी लगातार दो विधानसभा चुनावों (2005 और 2009) की हार के सिलसिले को तोड़ने का प्रयास करेगी.

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