हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव में अपने साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. और कहा कि पार्टी आलाकमान से उनका मोहभंग हो गया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है.
उन्होंने कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विभाग के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार किया, जिससे मेरा पार्टी आलाकमान से उनका मोहभंग हो गया है.
कैप्टन अजय सिंह यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को टैग करते हुए लिखा, "मैंने AICC ओबीसी विभाग के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भेज दिया है.
'1952 में मेरे पिता थे विधायक'
उन्होंने कहा कि पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला मेरे लिए सच में बहुत कठिन था, जिनके साथ मेरे परिवार को पिछले 70 सालों से जुड़ाव था, क्योंकि मेरे दिवंगत पिता राव अभय सिंह 1952 में विधायक बने थे और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा. लेकिन सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार हुआ, जिससे मेरे पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो गया है. पिछले कुछ सालों में अजय यादव कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले तीसरे प्रमुख नेता हैं. उनसे पहले कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी ने बीजेपी का दामन थाम लिया.
अंदरूनी कलह पर की थी टिप्पणी
उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की राज्य यूनिट में कथित अंदरूनी कलह पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि जनादेश मिलने से पहले मुख्यमंत्री बनने को लेकर हरियाणा कांग्रेस में खींचतान एक बड़ी भूल थी. कैप्टन अजय यादव को प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा का कट्टर विरोधी माना जाता है.
कांग्रेस को करना चाहिए मंथन
बता दें कि अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव हाल में हुए विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी विधानसभा सीट से हार गए थे. उन्होंने कहा था कि पार्टी को दक्षिणी हरियाणा खासकर गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में अपने फेलियर के लिए मंथन करना चाहिए, जहां उसने केवल एक सीट जीती है. जबकि भाजपा ने इस इलाके में 10 सीटों पर जीत हासिल की है.
उन्होंने यह भी कहा था कि अहीरवाल क्षेत्र का कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी), केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी), एआईसीसी महासचिव या यहां तक कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. यह भी पता चला है कि अजय यादव हरियाणा चुनाव के लिए कई उम्मीदवारों की पसंद को लेकर अपनी पार्टी से नाखुश थे.
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया था कि एआईसीसी ओबीसी विभाग के अध्यक्ष के रूप में उनका पद भी दिखावा करने वाला था. हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है.
BJP ने साधा निशाना
इस बीच भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर ओबीसी और दलित विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाया था और मांग की थी कि राहुल गांधी को देश को बताना चाहिए कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के ओबीसी मोर्चे के अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव का "अपमान" क्यों किया गया.