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आयुष्मान योजना पर हरियाणा सरकार को IMA की चेतावनी, 7 अगस्त के बाद सेवाएं बंद!

हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने नायब सैनी सरकार को चेतावनी दी है कि यदि निजी अस्पतालों का बकाया 500 करोड़ रुपये 7 अगस्त तक जारी नहीं किया गया, तो उसके बाद आयुष्मान कार्ड धारकों को किसी भी प्राइवेट अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलेंगी. इस फैसले से लाखों लाभार्थियों की परेशानी बढ़ सकती है.

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आयुष्मान स्किम का पैसा रिलीज करने को लेकर चेतावनी. (सांकेतिक तस्वीर)
आयुष्मान स्किम का पैसा रिलीज करने को लेकर चेतावनी. (सांकेतिक तस्वीर)

हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों के लंबित भुगतान का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रदेश की नायब सैनी सरकार को एक सख्त चेतावनी जारी की है. एसोसिएशन ने साफ किया है कि यदि निजी अस्पतालों के 500 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान 7 अगस्त तक नहीं किया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. इस अल्टीमेटम के बाद, प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों को 7 अगस्त के बाद स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाएंगी. क्यों नाराज हैं प्राइवेट अस्पताल...

हरियाणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर जैन के अनुसार, एसोसिएशन ने जनवरी में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात कर प्राइवेट अस्पतालों की दिक्कतों से अवगत कराया था. उस समय सरकार के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था कि मार्च 2025 तक बकाया पैसा जारी कर दिया जाएगा. हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद लगभग 500 करोड़ रुपये का आयुष्मान स्कीम का पैसा अभी तक जारी नहीं किया गया है. इसी कारण प्राइवेट अस्पतालों को यह कड़ा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
 
बजट की कमी और भविष्य की चिंता
महावीर जैन ने यह भी बताया कि हरियाणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार से आयुष्मान योजना का सालाना बजट 2500 करोड़ रुपये करने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए 500 करोड़ रुपये के बजट को केवल 800 करोड़ रुपये तक ही सीमित कर दिया है. ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में यह विवाद और गहरा सकता है. यह दर्शाता है कि बढ़ते लाभार्थियों की संख्या के सामने सरकारी बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.

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क्या है आयुष्मान योजना?
आयुष्मान योजना केंद्र की मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है. इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों को निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने की व्यवस्था की गई थी. इस इलाज का पूरा खर्च संबंधित प्रदेश सरकार को वहन करना होता है और प्राइवेट अस्पतालों को यह पैसा जारी करना होता है. प्रदेश भर में आयुष्मान कार्ड धारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे इस योजना पर वित्तीय दबाव भी बढ़ रहा है. अब देखना यह होगा कि सरकार कब तक यह पैसा जारी कर आयुष्मान कार्ड धारकों को राहत प्रदान करती है.

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