हरियाणा में कांग्रेस हार गई है. विधानसभा चुनाव के नतीजों ने संगठन में खलबली मचा दी है. प्रदेश नेतृत्व से जुड़े नेता एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. इस बीच, खबर है कि हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने को लेकर हाईकमान से अनुरोध किया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेताओं में घमासान देखने को मिल रहा है. कई उम्मीदवारों ने गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराया है. हाईकमान से भी संकेत मिल रहे थे कि हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्टी हो सकती है. कांग्रेस अब राज्य में रणनीति बदलेगी और विधानसभा में गैर जाट विधायक को विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है. फिलहाल, विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चल रहा है. पार्टी हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हार को लेकर जवाब मांगा है.
हरियाणा प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का अनुरोध
हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने पार्टी नेतृत्व को अपने इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने पार्टी हाईकमान से अनुरोध किया कि उन्हें हरियाणा कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त कर दिया जाए. आजतक से बातचीत में दीपक बाबरिया ने कहा, मैंने हरियाणा के नतीजे आने के अगले ही दिन अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. मैं किसी पद का लालची नहीं हूं. बीजेपी ने ईवीएम की मदद से हरियाणा की करीब 15 सीटों पर गड़बड़ी करवाई है. हरियाणा में बीजेपी की जीत के लिए 15 सीटें महत्वपूर्ण रही. मैं जल्द ही बयान जारी करूंगा. पहले भी पार्टी में मुझे जो काम दिया गया, उसकी जिम्मेदारी ली है और 52 साल तक संगठन में रहा हूं.
बाबरिया ने आगे कहा, ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए किसी पद पर बना हुआ हूं. मैंने दिल्ली लोकसभा में हंगामे के बाद अपने इस्तीफे की पेशकश भी की थी. मुझे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं और मुझे आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है, इसलिए 8 सितंबर को चुनाव अभियान में हिस्सा लेने में असमर्थ हो गया था.
इससे पहले हार की समीक्षा बैठक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उदयभान और दीपक बाबरिया शामिल नहीं हुए थे. तीनों नेताओं को गुरुवार को दिल्ली बुलाया गया था, लेकिन कोई नहीं पहुंचा. बाबरिया खराब स्वास्थ्य के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते हाईकमान के बुलावे पर नहीं पहुंचे. नेताओं की गैरमौजूदगी से चर्चाएं तेज होने लगी थीं. हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व के साथ प्रदेश नेताओं की पहली अहम बैठक बुलाई गई थी. ये बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बुलाई गई थी. इसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे.
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी सख्ती के मूड में है. नतीजे आने के बाद पार्टी हाईकमान ने कहा कि जल्द एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया जाएगा. बैठक में केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और अशोक गहलोत मौजूद थे. दीपक बाबरिया और सुनील कानुगोलू ऑनलाइन जुड़े थे.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी ने कहा, नतीजे अप्रत्याशित हैं और हमें स्वीकार नहीं है. सारे सर्वे और बीजेपी के सर्वे इसके उलट थे. सब कांग्रेस को जिता रहे थे तो ऐसे में हार की वजह की तह तक जाना होगा.
सुनील कानुगोलू से हारी हुई सीट पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें अपने चुनाव लड़ने की रणनीति को और दुरुस्त करना पड़ेगा. आखिर कैसे बागियों ने दर्जन भर सीटों पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ा और हमारे 14 मौजूदा विधायक क्यों हारे? इस पर पड़ताल की जरूरत है.
सूत्र के मुताबिक खड़गे ने चुनाव प्रचार अभियान को लेकर ये भी कहा कि उनकी काफी लेट एंट्री हुई और अंत के चरण में ही उनकी रैली का कार्यक्रम लगाया गया. हार के पोस्टमॉर्टम के लिये जो फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाए जाएगी, वो प्रत्येक प्रत्याशी से वन टू वन मिलेगी.