गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एअर इंडिया का विमान क्रैश हो गया. एअर इंडिया के विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी. हादसे का शिकार हुए इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे, जिनका निधन हो गया. रूपाणी अपनी पत्नी और बेटी से मिलने के लिए लंदन जा रहे थे. वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रभारी थे.
बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले विजय रूपाणी का जन्म बर्मा (अब म्यांमार) की राजधानी रंगून में 2 अगस्त 1956 हुआ था. विजय रूपाणी के पिता रमणिकलाल रूपाणी कारोबार के सिलसिले में तब रंगून में ही रहते थे. बर्मा में हालात बिगड़े तो वह अपने परिवार के साथ गुजरात के राजकोट लौट आए. विजय रूपाणी की शुरुआती शिक्षा राजकोट में ही हुई. व्यापार से जुड़े परिवार से नाता रखने वाले विजय रूपाणी के मन का झुकाव सियासत और समाजसेवा की ओर था.
यह भी पढ़ें: अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी का भी निधन... पत्नी और बेटी से मिलने जा रहे थे लंदन
विजय रूपाणी छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए. बीए, एलएलबी विजय रूपाणी इमरजेंसी के दौर में जेल भी गए थे. छात्र राजनीति से सियासत में आए विजय रूपाणी 1971 में जनसंघ से जुड़ गए. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके विजय रूपाणी की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में होती थी. 2007 और 2012 के गुजरात चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन, बड़ी जीत के लिए विजय रूपाणी के चुनाव मैनेजमेंट को क्रेडिट दिया जाता है.
यह भी पढ़ें: उड़ान भरी और चंद सेकेंड में आग का गोला बन गई फ्लाइट... CCTV में कैद हुआ प्लेन क्रैश का भयानक Video
जैन समाज से आने वाले विजय रूपाणी 2016 में आनंदीबेन पटेल की जगह गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे. 2017 में बीजेपी की जीत के बाद विजय रूपाणी ने दूसरी बार गुजरात के सीएम पद की शपथ ली थी. सितंबर 2021 में बीजेपी ने गुजरात में सीएम बदल दिया था और विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पांच साल रहने वाले केवल दूसरे नेता विजय रूपाणी कुर्सी छोड़ने के बाद संगठन के काम में जुट गए. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने राजकोट वेस्ट विधानसभा सीट के लिए टिकट की रेस से खुद को अलग कर लिया था.