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'हम बजरंग बली के भक्त, हमने नहीं लगाए नारे, न तोड़े बैरिकेड', जंतर-मंतर से बोलीं विनेश फोगाट

पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि हम बजरंग बली के भक्त हैं. कोई बैरिकेड नहीं तोड़ा गया. हमारे लोगों ने नारे भी नहीं लगाए. कुछ असामाजिक तत्वों ने नारे लगाए हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस का कहना है कि जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को आवश्यक सहूलियतें दी जा रही हैं. धरना स्थल पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चेकिंग की जा रही है.

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जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान (फोटो-पीटीआई)
जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान (फोटो-पीटीआई)

भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से पहलवान धरने पर बैठे हैं. इनका समर्थन करने लिए बड़ी संख्या में किसान भी पहुंचे हैं. इस प्रदर्शन में सोमवार को उस वक्त हड़कंप की स्थिति हो गई, जब बैरिकेड्स तोड़ने की घटना सामने आई. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. कहा जा रहा है कि ये नारेबाजी पंजाब से आए किसानों ने की थी. 

इसको लेकर पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि हम बजरंग बली के भक्त हैं. कोई बैरिकेड नहीं तोड़ा गया. हमारे लोगों ने नारे भी नहीं लगाए. कुछ असामाजिक तत्वों ने नारे लगाए हैं. फोगाट ने कहा कि किसान यूनियन हमारे साथ है.

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस का कहना है कि जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को आवश्यक सहूलियतें दी जा रही हैं. धरना स्थल पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चेकिंग की जा रही है. पुलिस ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील भी की है.

पहलवानों के समर्थन में किसान और खाप

बता दें कि धरने पर बैठे पहलवानों की लड़ाई अब बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर पहुंच गई है. पहलवान ऐलान कर चुके हैं कि यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता, उनका धरना जारी रहेगा. जंतर मंतर पर चल रहे पहलवानों के समर्थन में किसान संगठन और खाप भी खुलकर मैदान में आ गए हैं.

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पहलवान भी बरत रहे हैं सतर्कता

धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में किसानों के जंतर मंतर पहुंचने का सिलसिला जारी है. 8 मई को भी पंजाब से बड़ी संख्या में किसान पहलवानों का समर्थन करने के लिए जंतर मंतर पहुंचे. जंतर मंतर पर किसानों के जमावड़े को लेकर दिल्ली पुलिस जहां अलर्ट है. पहलवान भी सतर्कता बरत रहे हैं. पहलवानों की ओर से मंच से शांति बनाए रखने की अपील भी की गई है.

सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी

गौरतलब है कि पहलवान, खाप और किसानों ने एक दिन पहले ही सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी. पहलवानों, किसानों और खाप पंचायतों ने एक दिन पहले सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था. पहलवानों, किसानों और खाप ने चेतावनी दी थी कि बृजभूषण शरण सिंह को 21 मई तक गिरफ्तार नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं पहलवान

दरअसल, डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद 23 अप्रैल को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस को भी बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तब जाकर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था.

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शिकायतकर्ता रेसलर्स के बयान दर्ज

छेड़छाड़ मामले में पुलिस सभी 7 शिकायतकर्ता रेसलर्स के बयान दर्ज कर चुकी है. इसमें ये बात भी सामने आई है कि किसी भी पहलवान को ये नहीं याद है कि किस तारीख को उनके साथ छेड़छाड़ हुई थी. इस मामले में  पहलवानों को एक बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब हरियाणा सरकार ने विवाद से किनारा कर लिया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि दबाव बनाने के बजाय समस्या को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है. 

(इनपुट- अभिषेक आनंद)

 

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