ट्रैफिक की समस्या कम करने और प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए दिल्ली में विभिन्न विभागों के लिए ऑफिस आने की टाइमिंग में बदलाव की घोषणा की गई है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने X पर एक पोस्ट में इस संबंध में जानकारी दी. इस नए आदेश के मुताबिक यातायात और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए दिल्ली के सरकारी कार्यालय व्यस्त समय में अलग-अलग कार्य घंटों का पालन करेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
नए आदेश के मुताबिक दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के लिए दफ्त की टाइमिंग अब सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक होगी. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यह टाइमिंग सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगी. वहीं दिल्ली सरकार के अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए दफ्तर का समय सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक होगा. इस पहल का उद्देश्य सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ कम करना, धूल और धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम करना और पीक-ट्रैफिक टाइमिंग के दौरान कामकाजी लोगों को जाम से मुक्ति दिलाना है.
To reduce traffic congestion and associated pollution, Govt offices across Delhi will be following staggered timings:
— Atishi (@AtishiAAP) November 15, 2024
1. Municipal Corporation of Delhi: 8:30am to 5pm
2. Central Govt: 9am to 5:30pm
3. Delhi Govt: 10am to 6:30pm
दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट के लिए गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को एक प्रमुख कारक पाया गया है. पराली जलाने और पटाखों पर प्रतिबंध के बाद भी दिल्ली की हवा बदतर होती जा रही है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण संकट में वाहनों से निकलने वाले धुएं की अनुमानित हिस्सेदारी लगभग 13.3 प्रतिशत है. दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण पहले से ही लागू कर दिया गया है. इसके तहत दिल्ली में BS III पेट्रोल और BS IV डीजल चार पहिया वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लागू है. साथ ही निर्माण कार्यों पर भी रोक है. इसके बावजूद शहर की वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और एक्यूआई 400 से अधिक है.
इस लेवल के प्रदूषण में स्वस्थ लोगों में भी सांस और हृदय संबंधी बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक 400-500 के बीच AQI वाली हवा में सांस लेना दिन में 30 सिगरेट पीने के बराबर है. स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने सोमवार से शुक्रवार तक दिल्ली मेट्रो के फेरों की संख्या 60 तक बढ़ा दी है. और अधिक इलेक्ट्रिक बसें भी सड़कों पर उतारने की योजना है. दिल्ली सरकार ने जनता से आग्रह किया है कि वे अपने निजी वाहनों को छोड़कर प्रदूषण संकट बने रहने तक सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनें.