आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख 16 नवंबर तय की है. जानकारी के मुताबिक जैन ने कोर्ट से उन्हें जमानत देने का आग्रह करते हुए कहा कि अब उन्हें हिरासत में रखने का कोई उद्देश्य नहीं है.
विशेष जज विकास ढुल ने वैभव जैन और अंकुश जैन समेत सभी आरोपियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. जज ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को बुधवार को अदालत में पेश करने का निर्देश देते हुए कहा, “आरोपी सत्येंद्र कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिकाओं पर आदेश के लिए 16 नवंबर, 2022 को पेश करें.”
सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कोर्ट से कहा कि अब जांच के लिए उनकी और आवश्यकता नहीं है और उन्हें आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.
बता दें कि ईडी ने बुधवार को कोर्ट को बताया था कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल के अंदर स्पेशल ट्रीटमेंट मिल रहा है. एजेंसी ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है.
गौरतलब है कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था. इससे पहले अप्रैल महीने में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं. जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया.