
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस समय खतरनाक स्तर के वायु प्रदूषण से जूझ रही है. इसी बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एक तकनीक आधारित, साल भर लागू रहने वाली रणनीति पर काम शुरू किया है. इसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा-आधारित प्रणालियों के इस्तेमाल के लिए IIT कानपुर के साथ सहयोग की संभावना तलाशी जा रही है.
पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक, इस पहल का उद्देश्य प्रदूषण के स्रोतों की सूक्ष्म स्तर पर पहचान करना है, ताकि सटीक और प्रभावी कार्रवाई की जा सके. योजना के तहत हाइपर-लोकल सोर्स अपॉर्शनमेंट, रियल-टाइम सेंसर मॉनिटरिंग और सैटेलाइट डेटा की मदद से शहर के अलग-अलग इलाकों में प्रदूषण के कारणों को चिन्हित किया जाएगा.
इस रणनीति की जरूरत दिसंबर महीने में सामने आए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के चिंताजनक आंकड़ों से साफ होती है. दिसंबर के 30 दिनों के औसत आंकड़ों के अनुसार, इस महीने दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 दर्ज किया गया. इसके चलते लगभग पूरा महीना ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा और दिसंबर 2025 हाल के वर्षों के सबसे प्रदूषित महीनों में शामिल हो गया.

आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2024 में औसत AQI 294 रहा था, जबकि 2023 में यह 347, 2022 में 318 और 2021 में 336 दर्ज किया गया था. दिसंबर 2023 का स्तर इस वर्ष के करीब रहा, लेकिन वह फिर भी अपेक्षाकृत बेहतर था.
इस दिसंबर को अलग बनाता है राहत का पूरी तरह अभाव. इस साल दिल्ली में सबसे खराब वायु गुणवत्ता 14 दिसंबर को दर्ज की गई, जब AQI 461 तक पहुंच गया. इस महीने में सबसे बेहतर AQI 234 रहा, जो फिर भी ‘खराब’ श्रेणी में था. दिसंबर 2024 में प्रदूषण का स्तर कुछ समय के लिए 139 तक गिरा था और दिसंबर 2022 में 163 तक, लेकिन इस साल ऐसी कोई राहत देखने को नहीं मिली.
जहरीली हवा और सर्दी के मौसम के संयुक्त असर का प्रभाव रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ा है. 30 दिसंबर को दिल्ली और आसपास के इलाकों में घने कोहरे के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कम से कम 118 उड़ानें, जिनमें 60 आगमन और 58 प्रस्थान शामिल हैं, रद्द कर दी गईं. इसके अलावा 16 उड़ानों को दूसरे शहरों की ओर मोड़ दिया गया.
(रिपोर्ट- प्रतीक सचान)