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दिल्ली: हंगर रिलीफ कैंप जारी रखने की मांग, हाईकोर्ट ने लीगल अथॉरिटी से मांगी रिपोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश रोजी-रोटी अधिकार अभियान एनजीओ की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर दिया है. इस याचिका में इन हंगर रिलीफ कैंप को आगे बढ़ाने की कोर्ट से दरखास्त की गई है.

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दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट

  • रोजी-रोटी अधिकार अभियान एनजीओ ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
  • हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि सभी को खाना पहुंचाया जाए

कोरोना काल में बेघर लोगों को खाने-पीने से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे लोगों की मदद करने के लिए दिल्ली सरकार ने हंगर रिलीफ कैंप शुरू किए थे. दिल्ली में ये स्कीम मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना नाम से शुरू की गई थी. लेकिन महीनों बीतने के बाद क्या अब इन हंगर रिलीफ कैंप की जरूरत है? इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश रोजी-रोटी अधिकार अभियान एनजीओ की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर दिया है. इस याचिका में इन हंगर रिलीफ कैंप को आगे बढ़ाने की कोर्ट से दरखास्त की गई है. हाईकोर्ट में दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी से कहा है कि कोर्ट में दाखिल की जाने वाली स्टेटस रिपोर्ट में वह यह भी बताएं कि दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड के आधीन चलने वाले नाइट शेल्टर होम में क्या फिलहाल तैयार किए गए खाने को दिए जाने की जरूरत है? कोर्ट ने कहा है कि अथॉरिटी अपना एक सर्वे करें और जमीनी हकीकत का पता लगाते हुए कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दें.

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दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी को देनी है स्टेटस रिपोर्ट

रोजी-रोटी अधिकार अभियान एनजीओ की तरफ से कई महीने पहले ही कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सभी जरूरतमंदों को खाना और सूखा राशन दिए जाने की गुहार लगाई गई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि किसी भी व्यक्ति के पास राशन कार्ड हो या ना हो, लेकिन हर जरूरतमंद तक राशन और भोजन पहुंचाया जाए. लेकिन लॉकडाउन के खुलने के बाद एनजीओ की तरफ से अब फिर एक अर्जी लगाई गई है जिसमें हर जरूरतमंद को राशन और भोजन देने की कोर्ट से गुहार लगाई गई है.

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हालांकि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एनजीओ के पास यह डाटा नहीं था कि दिल्ली में अभी भी कितने लोग ऐसे हैं जिनको फ्री राशन और भोजन की जरूरत है और जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. हाईकोर्ट ने एनजीओ को इससे जुड़ी संख्या बताने के लिए भी निर्देश दिए हैं, जिससे यह साफ हो सके कि दिल्ली में कितनी बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जिन्हें अभी राशन या भोजन दिए जाने की जरूरत है.

कोरोना के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान नाइट शेल्टर में रहने वाले लोगों को राशन और खाने-पीने की सुविधा मुहैया कराई गई थी लेकिन दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी को अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह बताना है कि हंगर कैंप आगे भी जारी रखने की दिल्ली में जरूरत है या नहीं.

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