
8 साल बाद वो मौका आया था जब दिल्लीवाले दिवाली के दिन चैन की सांस ले पा रहे थे और उन्हें साफ आसमान देखना नसीब हुआ लेकिन जैसे-जैसे दिवाली की रात करीब आई तो लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए खूब आतिशबाजी की. नतीजा ये हुआ कि जब दिवाली के अगले दिन लोग उठे तो दिल्ली के कई इलाकों का एक्यूआई 999 तक पहुंच गया और अब एक बार फिर दिल्लीवाले खराब हवा में सांस लेने को मजबूर हैं.
सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक, दिल्ली में आज, 13 नवंबर को दोपहर 12 बजे के करीब औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 445 दर्ज किया जा रहा है. वहीं, नोएडा में ये 503 और गुरुग्राम में 498 मापा गया. बता दें कि प्रदूषण के पैमाने के मुताबिक 0 से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है. आइए जानते हैं दोपहर 12 बजे दिल्ली के विभिन्न इलाकों का AQI
| इलाकों के नाम | एक्यूआई | श्रेणी |
| दिल्ली (ओवरऑल) | 445 | गंभीर |
| पूसा | 623 | खतरनाक |
| लोधी रोड | 422 | गंभीर |
| दिल्ली यूनिवर्सिटी | 525 | खतरनाक |
| एयरपोर्ट | 417 | गंभीर |
| नोएडा | 503 | खतरनाक |
| मथुरा रोड | 414 | गंभीर |
| आयानगर | 355 | बहुत खराब |
| आईआईटी दिल्ली | 523 | खतरनाक |
| गुरुग्राम | 498 | गंभीर |
| धीरपुर | 372 | बहुत खराब |
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बता दें कि दिलावी की शाम 4 बजे शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 218 रहा, जो कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा है. वहीं दिवाली पर पिछले 8 सालों में सबसे बेहतर रहा. जो रात होते-होते कई इलाको में 999 के आंकड़े तक पहुंच गया था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर AQI 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था.
| साल | AQI |
| 2023 | 218 |
| 2022 | 312 |
| 2021 | 382 |
| 2020 | 414 |
| 2019 | 337 |
| 2018 | 281 |
| 2017 | 319 |
| 2016 | 431 |
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वहीं, दिवाली की सुबह चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आया और एक्यूआई 999 तक बढ़ गया. इंडिया गेट पर सबसे बुरा हाल रहा. इसके अलावा दिल्ली के आनंद विहार, जहांगीरपुरी, आर के पुरम, ओखला, श्रीनिवासपुरी, वजीरपुर, बवाना और रोहिणी में भी प्रदूषण से बुरा हाल रहा. इंडिया गेट के आसपास तो हालात इतने खराब है कि 100 मीटर दूर तक भी साफतौर पर देखना मुश्किल हो गया है. बता दें कि दीपावली से पहले भी दिल्ली-NCR का एक्यूआई लेवल बढ़कर 999 तक पहुंच गया था, लेकिन उसके बाद हुई बारिश ने पूरे मौसम को साफ कर दिया था.
28 अक्टूबर से शुरू होकर दो हफ्ते तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' तक रही थी और इस अवधि के दौरान राजधानी में दमघोंटू धुंध भी छाई रही. बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में हल्की बारिश सहित अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण दिवाली से ठीक पहले हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार की भविष्यवाणी की थी.
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पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई, जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का योगदान प्रभावी रूप से कम हो गया. आईएमडी ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि एक बार पश्चिमी विक्षोभ गुजर जाने के बाद, शनिवार को हवा की गति बढ़कर लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी, जिससे दिवाली से पहले प्रदूषक तत्वों को फैलाने में मदद मिलेगी और प्रदूषण कम होगा. हालांकि मौसम विभाग ने दिवाली की रात पटाखों और कम तापमान के चलते प्रदूषण बढ़ने की भी आशंका जताई थी.
मौसम का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान की बात करें तो दिल्ली में अगले एक हफ्ते तक बारिश के कोई आसार नहीं है. लेकिन दिल्ली में अब अच्छे कोहरे की शुरुआत हो चुकी है और तापमान में भी गिरावट दर्ज होने लगी है. 16 नवंबर तक दिल्ली का न्यूनतम तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और अधिकतम तापमान 27 डिग्री रह सकता है. इसके बाद 19 नवंबर तक दिल्ली के तापमान में एक प्वाइंट की बढ़त देखी जा सकती है.