छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार इलाके में एक कोयला खनन प्रोजेक्ट के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन शनिवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पत्थरबाजी कर दी. जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आग भी लगा दी. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.
हजारों की संख्या में पहुंची थी भीड़
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को भीड़ ने जिंदल पावर लिमिटेड के कोयला हैंडलिंग प्लांट में भी धावा बोल दिया और एक कन्वेयर बेल्ट, दो ट्रैक्टर और अन्य गाड़ियों में आग लगा दी. साथ ही ऑफिस परिसर में तोड़फोड़ भी की. प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की और एक पुलिस बस, एक जीप और एक एम्बुलेंस में आग लगा दी. साथ ही कई अन्य सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया.
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जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि तमनार इलाके में (गारे पेल्मा) सेक्टर-I कोयला ब्लॉक के तहत 14 प्रभावित गांवों के लोग 8 दिसंबर को धौराभाठा में प्रोजेक्ट के लिए हुई जन सुनवाई के खिलाफ 12 दिसंबर से लिब्रा गांव के CHP चौक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि शनिवार सुबह लगभग 300 प्रदर्शनकारी मौके पर जमा हुए और उनमें से कुछ ने सड़क जाम कर दी.
जिससे ट्रैफिक बाधित हो गया. सुबह करीब 10 बजे वरिष्ठ राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारियों को उनके तय विरोध स्थल पर बने टेंट में लौटने के लिए मनाया. लेकिन पास के गांवों से लोग जुड़ते गए. जिससे भीड़ बढ़कर लगभग 1,000 हो गई. इस दौरान राजस्व और पुलिस अधिकारियों द्वारा लाउडस्पीकर से शांति बनाए रखने की बार-बार अपील की गई. बावजूद भीड़ दोपहर करीब 2.30 बजे हिंसक हो गई.
भीड़ ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिसकर्मियों पर पत्थरों और लाठियों से हमला किया. इस हमले में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अनिल विश्वकर्मा, तमनार पुलिस स्टेशन प्रभारी कमला पुसम और एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए. साथ ही महिला पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य पुलिसकर्मी को भी चोट आई है.
बयान में कहा गया है कि इसके बाद भीड़ ने एक पुलिस बस, एक जीप और एक एम्बुलेंस में आग लगा दी. साथ ही कई अन्य सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया. इसके बाद प्रदर्शनकारी जिंदल कंपनी के कोयला हैंडलिंग प्लांट (CHP) की ओर बढ़े, जबरन अंदर घुस गए और एक कन्वेयर बेल्ट, दो ट्रैक्टर और अन्य गाड़ियों में आग लगा दी.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ऑफिस परिसर में तोड़फोड़ भी की. बयान में कहा गया है कि लाइलुंगा की स्थानीय विधायक विद्यावती सिदार, रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी और पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के भीड़ को शांत कराने के लिए मौके पर पहुंचने के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई.
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जिला प्रशासन के बयान में कहा गया है कि फिर से पत्थर फेंके गए, और CHP प्लांट के अंदर आगजनी की एक और घटना सामने आई. पुलिस का कहना है कि स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने पत्रकारों को बताया कि ग्रामीण पिछले 15 दिनों से विरोध स्थल पर शांतिपूर्वक बैठे थे और प्रशासन ज़रूरी सुविधाएं सुनिश्चित कर रहा था.
कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस झड़प को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसके लिए राज्य सरकार की "ज़िद्द" को ज़िम्मेदार ठहराया. बैज ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कोयला खनन के लिए ग्रामीणों और आदिवासियों को उनके जंगलों और ज़मीन से जबरन विस्थापित कर रही है.
उन्होंने दावा किया कि तमनार के गारे पेल्मा सेक्टर-I में कोयला ब्लॉक के जबरन आवंटन और 'फर्जी' जन सुनवाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों व आदिवासियों पर उद्योगपतियों के इशारे पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने जवाबी कार्रवाई की. बैज ने आगे कहा कि ग्रामीण शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, लेकिन सरकार के रवैये से वे भड़क गए.