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टाइगर को करंट देकर दर्दनाक तरीके से मारा, घर में मिले दांत-नाखून और बालों के गुच्छे… महिला समेत 7 आरोपी शामिल

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में बाघ की हत्या का मामला सामने आया है. घुई वन इलाके में बाघ का शव मिलने के बाद जांच की गई तो गांव की महिला सरपंच समेत सात लोगों की संलिप्तता सामने आई. आरोपियों ने जानवरों के शिकार के लिए जंगल में बिजली का तार बिछाया था, जिसकी चपेट में आने से बाघ की मौत हुई.

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बाघ की हत्या मामले में आरोपी पकड़े गए. (Photo: Representational)
बाघ की हत्या मामले में आरोपी पकड़े गए. (Photo: Representational)

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बिजली के तार बिछाकर बाघ की हत्या कर दी गई. इस मामले में महिला सरपंच समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह खुलासा तब हुआ जब जंगल में बाघ का शव संदिग्ध हालत में बरामद किया गया. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट कर लिया.

एजेंसी के अनुसार, वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 15 दिसंबर को सूरजपुर के घुई वन परिक्षेत्र के अंतर्गत भैसमुड़ा गांव के जंगल में एक बाघ का शव मिला था. शव की हालत बेहद खराब थी और उसके कई अंग गायब थे, जिससे शिकार की आशंका हुई. सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की गई.

जांच के दौरान स्निफर डॉग की मदद ली गई. खोजी कुत्ता सीधे भैसमुड़ा गांव की सरपंच सिस्का कुजूर के घर तक पहुंच गया. यहां से बाघ के दो नाखून, बाल और मांस के टुकड़े बरामद किए गए. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वायर और जीआई तार भी मिले, जिनका इस्तेमाल जाल बिछाने में किया गया था. इसके बाद सिस्का कुजूर को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के दौरान मामले से जुड़े अन्य लोगों के नाम सामने आए.

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वन अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सरपंच सिस्का कुजूर, उसके पति दिनेश कुजूर, ईश्वर कुजूर, अभिषेक रोशन बड़ा, मिथलेश सिंह, रामनाथ सिंह और भोला प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से बाघ के दांत, नाखून, बाल, लकड़ी का खूंटा, रस्सी का फंदा और बिजली के तार भी मिले. जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने जंगल में बिजली का तार बिछाकर जानवरों का शिकार करने के लिए जाल लगाया था, जिसकी चपेट में बाघ आ गया और उसकी मौत हो गई.

सिस्का कुजूर, उसका पति और दो अन्य आरोपी भैसमुड़ा गांव के रहने वाले हैं, जबकि मिथलेश और रामनाथ कैलाशपुर गांव से हैं और भोला प्रसाद बार्टीकला गांव का रहने वाला है. सभी आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. सभी सातों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मामले की आगे की जांच जारी है.

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