पीलीभीत में जरा कोठ गांव में 3 दिन से बाघ की चहलकदमी थी. 3 दिन पहले ये बाघ 3 ग्रामीणों को घायल कर चुका था और उसी दिन वन विभाग ट्रैक्टर पर चढ़कर लोगों पर हमला कर दिया था.
वन विभाग के कर्मियों पर किया था हमला
बाघ को लेकर आसपास के लोग डरे हुए थे. उस दिन बाघ ट्रैक्टर पर चढ़ गया और तीन लोगों को घायल कर दिया. तब ट्रैक्टर पर सवार लोगों और बाघ के बीच दूरी सिर्फ दो कदमों की थी. बाघ को पकड़ने के लिए जब वनकर्मियों ने डंडा आगे बढ़ाया तो बाघ ने पंजे से डंडे को तोड़ दिया. तब से इस बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम पीलीभीत में ही डेरा जमाए थी.
तीन बार दिया गया डॉट
रविवार सुबह से बाघ की हो रही थी तलाश
रविवार सुबह से बाघ की तलाश की जा रही थी. रविवार शाम को डॉ. सुनील राठौर ने सटीक लोकेशन मिलने के बाद डॉट मार कर बाघ को बेहोश कर दिया. इसके बाद पिंजरे में बंद कर बाघ को गड़ा रेंज के गेस्ट हाउस लाया गया. यहां पर बाघ को मृत पाया गया.

बाघ की तलाश में वन विभाग के कर्मी
तीन बार बाघ को मारा गया डॉट
रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी के चलते हल्के हल्के डोज से बाघ को ट्रैंकुलाइज किया जा रहा था. जिसकी वजह से 3 बार बाघ को टारगेट किया गया. माना जा रहा है कि इससे बाघ के शरीर में बेहोश करने वाली दवा की ज्यादा डोज चली गई. वहीं ये भी माना जा रहा जब बाघ ने ट्रैक्टर पर वनकर्मी पर हमला किया था तो वन कर्मी के डंडे से बाघ घायल हो गया था. फिलहाल जिला वन अधिकारी नवीन अग्रवाल का कहना है कि बाघ की मौत हो गई है और मौत की सही वजह पोस्टमार्टम के बाद सामने आएगी.