छत्तीसगढ़ में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने तीन IED बम का पता लगाया और डिफ्यूज कर दिया. ये बम सुकमा इलाके में मिले थे. सही समय पर बम मिलने से एक बड़ा हादसा टल गया.
Chhattisgarh: Central Reserve Police Force (CRPF) detected and defused three IED bombs in Errabore area of Sukma district, today.
— ANI (@ANI) July 21, 2019
इसके साथ ही सीआरपीएफ के जवानों ने सुकमा जिले में नक्सलियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया. जवानों ने पांच पांच किलो के तीन आईईडी बम को बरामद कर निष्क्रिय कर दिया. सुकमा जिले के ऐर्राबोर साप्ताहिक बाजार के पीछे मैदान में सीआरपीएफ ने तीन आईईडी बरामद किए. नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए बड़ी साजिश रची थी. नक्सलियों की तीन सीरियल आईईडी ब्लास्ट करने की योजना थी.
नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह में जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए ये साजिश रची थी. पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है. सीआरपीएफ और जिला बल के जवान मौके पर पहुंचे और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. आईईडी बरामद होने की पुष्टि एसपी शलभ सिन्हा ने की.
नक्सलियों का गढ़ बन चुके छत्तीसगढ़ में लोगों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए पुलिस विभाग का अभियान जारी है. पुलिस एक ओर जहां नक्सलियों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जनता के मन से नक्सलियों के डर को कम करने के लिए अभियान चला रही है.
छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्से में नक्सलियों का प्रभाव है. वहीं सबसे ज्यादा वारदातें बस्तर में हो रही हैं, यही कारण है कि इस इलाके में पुलिस और प्रशासन लगातार नए नए प्रयोग करने में लगे हैं. अफसर मोटर साइकिल से दूर दराज के इलाकों में पहुंच रहे हैं, तो कहीं नक्सल प्रभावित फिल्म बनाई जा रही है. इसी के अंतर्गत अब दंतेवाड़ा में नक्सलियों के स्मारकों को ध्वस्त किया जा रहा है.
बस्तर वह इलाका है जहां बीते लगभग चार दशकों से नक्सलियों की गतिविधियां रही हैं. नक्सली ग्रामीणों को धमकाकर उनका साथ देने के लिए मजबूर करते हैं. यही कारण है कि ग्रामीण चाहकर भी पुलिस का साथ नहीं दे पाते. पुलिस ने नक्सलियों की पकड़ को कमजोर करने के लिए अब उन स्थानों पर सक्रियता बढ़ाई है जहां नक्सली अपनी पकड़ बनाए हुए हैं.