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सुपौल में 41 साल में पहली बार सोए हुए रावण के पुतले का किया दहन, जानें वजह

सुपौल में विजयादशमी पर दिन में 2 बजे से गांधी मैदान में रावण के पुतले का खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा था. इसके लिए जेसीबी की भी मदद ली गई थी. लेकिन कई कोशिशों के बावजूद पुतले को खड़ा नहीं किया जा सका. फिर 41 वर्ष में पहली बार सोए हुए रावण को जलाया गया.

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सोए हुए रावण के पुतले को जलाया गया
सोए हुए रावण के पुतले को जलाया गया

देशभर में धूमधाम के साथ विजयादशमी (दशहरा) का त्योहार मनाया गया. वहीं, बिहार के सुपौल में रावण और मेघनाद के पुतलों का दहन अलग ही अंदाज में किया गया.

दरअसल मंगलवार दिन में 2 बजे से गांधी मैदान में रावण के पुतले का खड़ा करने की कोशिश की जा रही थी. इसके लिए जेसीबी की भी मदद ली गई. लेकिन पुतले को खड़ा नहीं किया जा सकता. इसके बाद रामलीला कमेटी ने यह निर्णय लिया कि सोए हुए अवस्था में ही रावण का दहन किया जाएगा. 

सोए हुए रावण का पुतला जलाया गया

जानकारी के मुताबिक सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति की तरफ से 55 फीट ऊंचे रावण और 50 मेघनाद के पुतले को बनाया गया था. मेघनाद का पुतला तो खड़ा हो गया लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी रावण के पुतले को खड़ा नहीं किया जा सका. जिसके चलते 41 वर्ष में पहली बार सोए हुए रावण को जलाया गया. 

बिहार में धूमधाम से मनाया गया दशहरा

बता दें, बिहार में इस बार धूमधाम से दशहरा का त्योहार मनाया गया. जिला अधिकारी ने बताया कि गांधी मैदान में सार्वजनिक पूजा समिति द्वारा रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ दहन का आयोजन किया गया. प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतेजाम किए गए थे. शांतिपूर्ण माहौल में रावण और मेघनाथ का पुतला दहन किया गाया. 

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