बिहार की राजनीति में उस समय हड़कंप मच गया जब एक IAS अधिकारी सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ FIR दर्ज करवाने पहुंच गए. IAS अधिकारी का नाम सुधीर कुमार है जो 2017 में बीपीएससी पेपर लीक मामले में जेल जा चुके हैं. शुक्रवार को वे पटना के एससीएसटी थाना में बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करवाने पहुंच गए थे. लेकिन उनकी तरफ से बताया गया कि वे ये FIR दर्ज नहीं करवा पाए हैं.
CM के खिलाफ FIR क्यों दर्ज करवाना चाहते हैं?
बताया जा रहा है कि सुधीर कुमार थाने में चार घंटे तक बैठे रहे और किसी ने भी FIR दर्ज करने की जहमत नहीं दिखाई. इसके बजाय थानेदार थाना छोड़ चार घंटे के लिए गायब हो गए. अब वे क्यों गए और क्या करने गए, इसका कोई जवाब नहीं दिया गया. लेकिन FIR कॉपी को लेकर थानेदार ने बोला है कि कॉपी अंग्रेजी में दी गई थी और उन्हें अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती है. सुधीर कुमार के मुताबिक वे मार्च में भी शास्त्रीनगर थाने में मामला दर्ज करवाने पहुंचे थे लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ और सिर्फ एक मुहर लगाकर वापस भेज दिया गया. सुधीर कुमार द्वारा जानकारी दी गई है कि वे नीतीश कुमार के अलावा और भी कई सारे IAS अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने जा रहे हैं.
बता दें कि सुधीर कुमार बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. उन पर आरोप था कि 2014 में अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिसमें उन्हें दोषी बताया गया था. इसी मामले में 2017 में उनको निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया था. अब चार साल बाद उनके अचानक SC/ST थाने पहुंचने के बाद एक बार फिर से विवाद चर्चा में आ गया है.
तेजस्वी ने बोल दिया हमला
ये मामला बिहार की राजनीति को किस कदर गरमा सकता है, ये इसी बात से समझा जा सकता है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिना समय गंवाए सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साध दिया है. उनकी तरफ से सवाल खड़े किए गए हैं कि नीतीश कुमार के खिलाफ FIR क्यों नहीं की जा रही. ट्वीट में लिखा है- शर्मनाक और निंदनीय! बिहार में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को FIR दर्ज कराने के लिए तरसना पड़ रहा है. बिहार में आप गवर्नेंस की बस कल्पना करिए! ऐसे ही थोड़े ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह कहलाए जाते हैं.
शर्मनाक और निंदनीय!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 17, 2021
बिहार में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को FIR दर्ज कराने के लिए तरसना पड़ रहा है। बिहार में आप गवर्नेंस की बस कल्पना करिए!
ऐसे ही थोड़े ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह कहलाए जाते है। https://t.co/R2HbqtTqJ4
इस मामले में एससीएसटी थानाध्यक्ष और गर्दनीबाग थाना अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि अधिकारी का आवेदन ले लिया गया है और जांच के बाद जो विधि संवत करवाई होगी वो की जाएगी.