आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने लुटियन जोन स्थित सरकारी बंगला आखिरकार खाली कर दिया है. 25 तुगलक रोड स्थित इस शानदार बंगले पर काफी खींचतान चल रही थी और लालू इसे छोड़ने को तैयार नहीं थे.
लालू प्रसाद इस बंगले में 12 सालों से रह रहे थे. यह बंगला लोक सभा उपाध्यक्ष तंबु दुरै को अलॉट कर दिया गया है. वह आवश्यक रिपेयरिंग के बाद इसमें शिफ्ट करेंगे. यह बंगला सबसे बड़े बंगलों में से एक है और टाइप-VIII है जिसमें सबसे ज्यादा कमरे और बड़े लॉन होते हैं. लालू यादव को उन्हें बंगला राज्य सभा के सदस्य के रूप में 2002 में मिला था. उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए बंगले में काफी काम करवाया था और उसे और शानदार बनवा दिया था.
चारा घोटाले में लालू को सजा होने के बाद उनका सांसद पद छिन गया था. इसके बाद 2013 में उनका यह आवंटन रद्द कर दिया गया. लेकिन उन्होंने बंगला नहीं छोड़ा और बार-बार प्रतिवेदन देते रहे. लालू यादव की समस्या यह भी थी कि उनकी पार्टी सत्ता से बाहर थी और कोई बडा़ नेता दिल्ली में उस बंगले के योग्य नहीं था.
शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि लालू यादव ने तय समय पर बंगला खाली नहीं किया इसलिए इस मामले को कानूनी कार्रवाई करने वाले विभाग को सौंप दिया गया. नवंबर में लालू यादव को मकान खाली करने का आदेश दिया गया. लुटियन जोन के शानदार बंगले में रहने वाले अमूमन उन्हें छोड़ना नहीं चाहते. पूर्व मंत्री अजित सिंह तो 22 साल एक ही बंगले में रहने के बाद उसे अपने पिता का स्मारक बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे थे. लेकिन उनकी यह बात नहीं मानी गई.