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नीतीश से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा को गृह मंत्रालय ने दी Y + कैटेगरी की सुरक्षा, राजनीतिक अटकलें हुईं तेज

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है. कुशवाहा ने पिछले महीने ही नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करते हुए जदयू से नाता तोड़ लिया था और बाद में अपनी अलग पार्टी बनाई थी.

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उपेंद्र कुशवाहा को मिली वीआईपी सुरक्षा
उपेंद्र कुशवाहा को मिली वीआईपी सुरक्षा

जनता दल (यू) से बगावत करने के बाद 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' के नाम से नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. कुशवाहा को Y + कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. JDU से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कुशवाहा को Y+कैटेगरी की यह सुरक्षा IB रिपोर्ट के आधार पर दी है.

ऐसा होगा कुशवाहा का सुरक्षा घेरा
Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में कुशवाहा को सुरक्षा में 11 कमांडो तैनात किए जाएंगे हैं. इसमें 5 पुलिस के स्टैटिक जवान वीआईपी की सुरक्षा के लिए उनके घर और आसपास रहेंगे और साथ ही 6 पीएसओ तीन शिफ्ट में सुरक्षा करेंगे. इससे पहले गृह मंत्रालय द्वारा चिराग पासवान को Z कैटेगरी की सुरक्षा देने के अलावा विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता मुकेश सहनी को Y+कैटेगरी की सुरक्षा दी जा चुकी है. कुशवाहा को केन्द्र सरकार द्वारा वाई प्लस की सुरक्षा देने के बाद कई तरह की राजनीतिक अटकलें भी लगाई जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी को भी जल्द ही केंद्र की सुरक्षा मिल सकती है.

नीतीश पर हमला कर बनाई थी नई पार्टी
उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले महीने ही नीतीश कुमार से नाराजगी की खबरों के बीच अपना रास्ता जदयू से अलग कर लिया था और नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने एमएलसी के पद से इस्तीफा भी दे दिया था. 2 साल पहले जदयू में शामिल होने वाले कुशवाहा लंबे वक्त से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे थे. नीतीश सरकार में कुशवाहा को कोई मंत्री पद नहीं मिला था और जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो तब भी उनकी अनदेखी की गई. इसके बाद धीरे-धीरे कुशवाहा नीतीश के खिलाफ मुखर होने लगे और बाद में उन्होंने जमकर नीतीश कुमार की आलोचना की थी.

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कई बार बदल चुके हैं दल
राजनीति के इतिहास में उपेंद्र कुशवाहा के 'दल बदल' की तस्वीर काफी पुरानी है. साल 2005 में जब बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू की अगुआई वाली एनडीए बिहार की सत्ता में आई तब कुशवाहा अपनी ही सीट से चुनाव हार गए. जिसके बाद कुशवाहा और नीतीश के बीच दूरियां आ गईं. इतना ही नहीं उन्होंने जदयू को अलविदा भी कह दिया. जिसके बाद कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी बनाई और नाम रखा राष्ट्रीय समता पार्टी. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए को अपना समर्थन दिया और. बिहार की तीन लोकसभा सीट पर उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ा. उस दौर में मोदी लहर का जादू ऐसा चला कि ये तीनों सीट कुशवाहा के पाले में जा गिरीं. और इसके इनाम में उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिली और वो मानव संसाधन राज्य मंत्री बने.

 

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