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बिहार: 60 साल से पुल के लिए तरस रहा है यह इलाका, शुरू हुआ आंदोलन

बिहार के फरकिया इलाके के लोग पिछले 60 सालों से अपने लिए एक पुल की मांग कर रहा है जो आज तक पुरा नहीं हुआ है. पिछले 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं लोग.

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आमरण अनशन पर बैठी स्थानीय महिलाएं
आमरण अनशन पर बैठी स्थानीय महिलाएं

बिहार के सहरसा और खगड़िया जिले के बीच में आबाद है फरकिया. यह इलाका अपने लिए पिछले 60 सालों से एक पुल की मांग कर रहा है जो आज तक पुरा नहीं हुआ है.

फिलहाल खबर यह है कि कई सालों पुल की मांग करने के बाद अब इस इलाके के लोग आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो गए हैं. पिछले 15 दिनों से करीब 50 लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं. अनशनकारियों की हालत नाजुक बताई जा रही है . स्थानीय डक्टरों की टीम मौके पर अनशनकारियों को स्लाइन चढ़ा रही है.

अनशन के अलावे भी यहां हूमन चैन बनाकर, मुंह पर काली पट्टी बांधकर स्थानीय लोग अपना विरोध जता रहे हैं. स्थानीय पत्रकार आयुष का कहना है, 'यह इलाके बहुत दिनों से शांत था. जैसे-तैसे काम चल रहा था. लोग नदी से. नाव से किसी तरह यात्रा कर ले रहे थे लेकिन अब जो स्थिति दिख रही है उससे तो यही लग रहा है कि प्रशासन को इनकी बातें सुनना पड़ेगा. हालाकि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस पहल हुआ नहीं है.'

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क्या है मांग ?
कोसी नदी के डेंगराही घाट पर पुल का निर्माण हो, चिड़ैया एवं बेलाही के बीच पुलिया का निर्माण किया जाए साथ ही कमला नदी पर सुगरकोल घाट ग्राम झीमा पंचायत आनंदपुर मॉडन ग्राम झीमा के पास कमला का मूल धार पर पुल निर्माण, खजुरदेवा कोसी कॉलोनी से धाप कबीरा बेलाही चिड़ैया होते हुए ग्राम सरबजीता खगड़िया सीमा तक सड़क निर्माण एवं सरबजीता से सोनमंखी घाट खगड़िया तक सड़क निर्माण किया किया जाए. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक उनके इन मांगों को नहीं माना जाएगा तबतक वो अनशन नहीं तोड़ेंगे.

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