
बेटी का जन्म लेना कभी अभिशाप माना जाता था लेकिन अब 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा बुलंद हो रहा है. बेगूसराय में इसी का उदाहरण देखने को मिला. यहां बेटी के जन्म लेने पर ई-रिक्शा चालक ने न सिर्फ जमकर खुशियां मनाईं, बल्कि वह ई-रिक्शा को दुल्हन की तरह सजा कर सदर अस्पताल से अपनी बेटी और पत्नी को विदा कर घर लाया.
जानकारी के मुताबिक, बेगूसराय नगर निगम के वार्ड नंबर-42 बिशनपुर नौलखा निवासी टुनटुन कुमार सोनू की पत्नी जूली कुमारी ने सदर अस्पताल में 23 जनवरी को बेटी को जन्म दिया, जिससे पूरा परिवार काफी खुश है. टुनटुन कुमार को पहले से 2 पुत्र हैं. पत्नी के गर्भवती होने के बाद से ही वह इस बार बेटी के लिए मन्नत मांग रहा था और अब बेटी होने के बाद परिजनों में काफी खुशी है. खासकर पिता बना टुनटुन बेहद खुश है.
टुनटुन एक ई रिक्शा चालक है. बेटी होने की खबर उसे मिली तो उसने सोचा कि वह बेटी और पत्नी को आर्केस्ट्रा के साथ धूम-धाम से अस्पताल से घर लाएगा. उसने आर्केस्ट्रा वालों से इस बारे में बात की तो उन्होंने उससे 20 हजार रुपये की डिमांड कर दी. लेकिन उसके पास सिर्फ 10 हजार रुपये ही थे. इस वजह से वह आर्केस्ट्रा नहीं कर पाया.
फिर उसने सोचा कि क्यों न अपने ई-रिक्शा को ही दुल्हन की तरह सजाकर वह बेटी और बीवी को अस्पताल से घर लाएगा. उसने किया भी ऐसा ही. 24 जनवरी की शाम को वह ई-रिक्शा लेकर अस्पताल पहुंचा. दुल्हन की तरह सजे ई-रिक्शा को देखकर हर कोई दंग रह गया. इसके बाद वह बीवी और बेटी को उसमें बैठाकर घर लाया. अस्पताल वालों ने भी उन्हें ऐसे विदा किया जैसे एक बेटी को शादी के बाद घर से विदा किया जाता है.
फिर जैसे ही वे लोग घर पहुंचे परिवार ने मां-बेटी का धूमधाम से स्वागत किया. पूरे मोहल्ले में मिठाई बांटी गई. बेटी के जन्म पर इस तरह से खुशी मनाने वाले ई-रिक्शा चालक की अब हर कोई तारीफ कर रहा है.
बच्ची के माता-पिता ने कहा कि वे लोग बच्ची के जन्म से बेहद खुश हैं. लोग हमें कहते थे कि तुम्हें इस बार भी बेटा ही होगा. लेकिन हमें पूरा यकीन था कि इस बार हमारे घर बेटी पैदा होगी. भगवान ने हम पर कृपा की है और बेटी के रूप में हमारे घर सरस्वती आई है.