Cameron Green Suffering From CKD: क्रिकेट को लेकर दुनियाभर में अलग ही क्रेज देखने को मिलता है, भारत में भी क्रिकेट के दीवानों की कमी नहीं है. हर साल होने वाले आईपीएल का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इसमें दुनियाभर के प्लेयर्स हिस्सा लेते हैं. दुनियाभर के प्लेयर्स को एक-साथ खेलते देखना काफी दिलचस्प होता है और हर साल आईपीएल के लिए क्रिकेटर्स को भारी कीमत देकर अलग-अलग टीमें खरीदती हैं.
आईपीएल 2026 का ऑक्शन भी इस बार काफी दिलचस्प रहा, क्योंकि इस साल महज 26 साल का एक क्रिकेटर आईपील का सबसे महंगा विदेशी खिलाड़ी बना है. ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने उन्हें 25.20 करोड़ रुपये में खरीदा.आईपीएल 2025 का खिताब RCB ने अपने नाम किया था, उस जीत में कैमरन ग्रीन ने खास योगदान दिया था. यही वजह है कि वो आईपीएल के इतिहास से सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं.
कैमरन ग्रीन सिर्फ अपने धाकड़ बल्लेबाजी से मैदान नहीं जीतते हैं, बल्कि असल जिंदगी में भी वो किसी हीरो से कम नहीं है. उनकी जिंदगी असल में काफी इंस्पायरिंग हैं, क्योंकि पैदा होने के साथ से ही वो एक जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं और इतनी मुश्किलों का सामना करके वो क्रिकेट की दुनिया में भी कम उम्र में बड़ा नाम कमा चुके हैं. कैमरन को बचपन से ही क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) है, जिसके बारे में वो खुद एक इंटरव्यू में बता चुके हैं.
कैमरन ग्रीन को क्रॉनिक किडनी डिजीज का पता जन्म से पहले ही चल गया था. उनकी मां की 19 हफ्ते की प्रेग्नेंसी स्कैन में किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या दिखी थी, डॉक्टरों ने बताया था कि मूत्राशय और मूत्रमार्ग में रुकावट की वजह से किडनी ठीक से विकसित नहीं हो पा रही थी. हालात इतने गंभीर थे कि डॉक्टरों ने कैमरन के 12 साल की उम्र तक पहुंचने पर भी शक जताया था. ग्रीन का बचपन अस्पतालों के चक्कर और अल्ट्रासाउंड टेस्ट में गुजरा. डॉक्टर लगातार उनकी किडनी की ग्रोथ और ब्लड प्रेशर, एनीमिया और हड्डियों की सेहत पर नजर रखते थे.
साल 2023 में एक इंटरव्यू में ग्रीन ने कहा, 'मेरी किडनियां बाकी लोगों की तरह ठीक से काम नहीं करतीं. खून को फिल्टर करने की शक्ति कम है. इसलिए मुझे नमक और प्रोटीन का ध्यान रखना पड़ता है. मैच के दौरान मैं थोड़ा ज्यादा प्रोटीन ले लेता हूं, क्योंकि मैदान पर बहुत एनर्जी खर्च होती है.' CKD में किडनी नमक और प्रोटीन को ठीक से बैलेंस नहीं कर पाती. इसलिए ग्रीन को कम नमक और बैलेंस प्रोटीन डाइट लेनी पड़ती है. उनकी मेडिकल टीम, न्यूट्रिशनिस्ट और सपोर्ट स्टाफ मिलकर उनकी डाइट और हाइड्रेशन प्लान तय करते हैं.
ग्रीन के मुताबिक, डेली लाइफ में उन्हें कोई खास परेशानी नहीं होती. लेकिन गर्मी और लंबे मैचों में मसल्स क्रैम्प्स की समस्या आती है. क्रिकेटर ने बताया था कि 'पहले उन्हें लगता था कि ज्यादा दौड़ने या कम पानी पीने से ऐसा होता है. लेकिन बाद में उनको समझ आया कि इसका कनेक्शन उनकी किडनी से है. फिर भी वो खुद को लकी मानते हैं, क्योंकि इस बीमारी वाले ज्यादातर लोग इतना फिट नहीं रह पाते.'
ग्रीन ने बताया कि उनकी किडनी लगभग 60 प्रतिशत काम करती है और 40 प्रतिशत काम नहीं करती. इसे क्रॉनिक किडनी डिजीज का स्टेज 2 माना जाता है. क्रॉनिक किडनी डिजीज को ठीक नहीं किया जाता है, बस इसे कंट्रोल करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं. क्रॉनिक किडनी डिजीज की गिनती किडनी की खतरनाक बीमारियों में की जाती है, इसके कुल 5 स्टेज होते हैं. स्टेज 1 हल्का और स्टेज 5 में डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. इलाज का मकसद बीमारी को आगे बढ़ने से रोकना होता है.
क्रोनिक किडनी डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके गुर्दे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और ब्लड वेस्ट और अतिरिक्त लिक्विड को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते हैं, जिससे शरीर में गंदगी जमा होने लगती है. यह धीरे-धीरे बढ़ता है और समय के साथ बिगड़ सकता है, कभी-कभी किडनी फेलियर तक पहुंच सकता है, लेकिन जल्दी पता चलने पर इसे कंट्रोल किया जा सकता है, हालांकि इसे ठीक नहीं किया जा सकता है. इसके कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, जन्म से जुड़ी समस्याएं या बार-बार इंफेक्शन हो सकते हैं.